सप्तम नवरात्रि: कालीमठ में कालरात्रि के रूप में मौजूद हैं जगदंबा, यहीं किया था शुंभ, निशुंभ और रक्तबीज का वध
एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता। लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्त शरीरिणी॥वामपादोल्लसल्लोह लताकण्टकभूषणा। वर्धन मूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयंकरी॥ रैबार डेस्क : मां दुर्गा के सातवें...