चमोली के इस सीमांत गांव में आजादी के 73 साल बाद पहुंची बिजली, ग्रामीणों के चेहरे खिले
चमोली : चमोली जिले के दूरस्थ गांव कुलिंग-दिदना वासियों के चेहरे पर सुकून की चमक साफ देखी जा सकती है। हो भी क्यों न, लंबे संघर्ष और आपदा की मार झेलने के बाद इस गांव की गलियां बिजली की रौशनी से जगमगा रही हैं। मानसून की अंधेरी रातों में अब गांव वालों को जंगली जानवरों का डर नही सताता।
चमोली जनपद के देवाल ब्लाक के दूरस्थ गांव कुलिंग का दिदना तोक बिजली से महरूम था। कुलिंग में थोड़ी बहुत व्यवस्थाएं तो थी लेकिन 2013 की भीषण आपदा मे गांव में सभी तरह की सुविधाएं चौपट हो गई थी। कुलिंग के निसवासियों की पैतृक भूमि दिदना तोक में है, जहां सरकार ने ग्रामीणों का विस्थापन इस जगह कर दिया था। लेकिन बिजली न होने से ग्रामीणों को अंधेरे में जीवन यापन करता पड़ रहा था।
लेकिन ग्रामीणों के निरंतर प्रयास रंग लाए गांव के देदीना नामक तोक पर सौभाग्य योजना के तहत विद्युत आपूर्ति की गई है। बिजली पहुंचने से ग्रामीणों के चेहरे खिल उठे हैं। स्थानीय लोगों ने विद्युत विभाग एवं सरकार का शुक्रिया अदा किया है।