2024-04-27

जोशीमठ पर चौतरफा संकट, घरों, खेतों में भू-धंसाव, हाईटेंशन लाइन झुकी, तलहटी की दरारों से पानी का रिसाव

joshimath land sinking threat increased

रैबार डेस्क:  पौराणिक और ऐतिहासिक शहर जोशीमठ पर खतरा लगातार बढ़ रहा है। अब तक करीब 300 मकानों पर भू धंसाव से दरारें देखी जा रही थी, लेकिन अब हाईटेंशन लाइन के खंभे भी झुक गए हैं। यही नहीं जोशीमठ की तलहटी वाले इलाके में भी भारी दरारें देखी जा रही हैं। इन दरारों से पानी का रिसाव भी होने लगा है। वैज्ञानिकों की मानें तो जोशीमठ में किसी भी समय ब़डी त्रासदी दस्तक दे सकती है। समय रहते लोगों को बचाया नहीं गया तो बहुत बड़ा नुकसान हो सकता है।उधर मंगलवार को जिला प्रशासन ने 6 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। (Threat by joshimath land sinking increase after HT bends, water sippet from cracks)

पिछले कुछ समय से जोशमीठ में घरों में लगातार दरारें आ रही थी। जमीन धंसने से करीब 500 से ज्यादा घरों के वजूद पर संकट आ गया है। यहां औली रोपवे के बेस की जमीन भी खिसक रही है। हाईटेंशन लाइन को थामे बिजली के खंभे भी जमीन धंसने के कारण झुकने लगे हैं। यही नहीं, जोशीमठ के निचले इलाके यानि जिस तलहटी पर जोशीमठ टिका है उस इलाके में भी घरों में दरारें देखी जा रही हैं। मंगलवार को मारवाड़ीड इलाके में जेपी कंपनी की कालोनी में घरों में बडा बडी दरारें आ गई। खतरे की बात ये है कि इन दरारों से पानी का रिसाव भी होने लगा है। कुल मिलाकर जोशीमठ आपदा के मुहाने पर बैठा है। लोगों का जल्द से जल्द पुनर्वास नहीं किया गया तो एक बड़ी त्रासदी का सामना करना पड़ सकता है।

उत्तराखंड अंतरिक्ष उपयोग केंद्र के निदेशक डॉ एमपीएस बिष्ट का कहना है कि जोशीमठ मलबे की प्लेट पर टिका है। लगातार निर्माण कार्यों से मलबे की इस प्लेट पर दबाब बहुत ज्यादा बढ़ गया है। ये मलबा अब औख दबाव सहन नहीं कर पा रहा है, इसलिए दरारें खतरनाक रूप ले रही हैं। डॉ बिष्ट कहते हैं कि इस स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन जो तैयारी कर रहा है वहब नाकाफी है। सरकार की एक्सपर्ट टीमें फिलहाल सरफेस ट्रींटमेंट पर ध्यान दे रही हैं जो बिल्कुल कारगर नहीं है। सरकार को समय रहते जोशीमठ के लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाना चाहिए और केंद्र सरकार से तत्काल मदद लेकर ठोस कार्ययोजना बनानी चाहिए।

सीएम ने मांगी विस्तृत रिपोर्ट

उधर जोशीमठ में हो रहे भूधंसाव पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चमोली के जिलाधिकारी से विशेषज्ञ कमेटी की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। सीएम ने निर्देश दिए हैं कि प्रभावित नागरिकों की यथासंभव मदद की जाए।

पुनर्वास की पहल ऊंट के मुंह में जीरा

जिला प्रशासन ने भू धंसाव से प्रभावित परिवारों के पुनर्वास की पहल शुरू कर दी है। लेकिन ये प्रयास ऊंच करे मुंह में जीरा साबित हो रहे हैं। मंगलवार को मुख्य राजमार्ग पर माउंट व्यू होटल के आगे दरार बढ़ने से होटल के निचले इलाकों में रह रहे 6 परिवारों को खतरे से बचाने के लिए प्रशासन ने सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कर दिया है। पांच परिवारों को नगर पालिका के कक्षों में जबकि एक परिवार को ब्लॉक कार्यालय परिसर में शिफ्ट कर दिया गया है। लेकिन जब पूरा का पूरा शहर की आपदा के मुहाने पर है, ऐसे में तात्कालिक प्रयास काफी नहीं हैं।

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