त्रिवेंद्र सरकार ने मिटाया 26 साल पुराना लैंड स्लाइड का नासूर, लामबगड़ स्लाइड जोन का स्थायी ट्रीटमेंट पूरा
रैबार डेस्क: बद्रीनाथ धाम (Badrinath) जाना अब श्रद्धालुओं के लिए और भी ज्यादा सुगम और आरामदायक होगा। त्रिवेंद्र सरकार (Trivendra Singh Rawat) ने बद्रीनाथ हाइवे पर लामबगड़ लैंड स्लाइड जोन (Lambagad Landslide zone) का स्थाई ट्रीटमेंट कर दिया है। यहां पर आए दिन भूस्खलन से सड़क मार्ग बाधित हो जाता था। डोबरा चांठी पुल के बाद लामबगड़ लैंड स्लाइड जोन का ट्रीटमेंट त्रिवेंद्र सरकार का दूसरा बड़ा तोहफा माना जा रहा है। लामबगड़ में ट्रीटमेंट का कार्य 26 साल से लटका हुआ था।
सीएम त्रिवेंद्र ने इस जोन में मरम्मत कार्यों में तेजी लाने के आदेश दिए थे। जिसकी बदौलत यह प्रोजेक्ट महज दो वर्ष में ही पूरा हो गया। तकरीबन 500 मीटर लम्बे स्लाइड जोन का ट्रीटमेंट 107 करोड़ की लागत से किया गया। अब बद्रीनाथ धाम की यात्रा निर्बाध हो सकेगी, जिससे तीर्थयात्रियों को परेशानियों से निजात मिलेगी।
सीमांत जनपद चमोली में 26 साल पहले ऋषिकेश-बद्रीनाथ नेशनल हाईवे पर पाण्डुकेश्वर के पास लामबगड़ में पहाड़ के दरकने से स्लाड जोन बन गया। हल्की सी बारिश में ही पहाड़ से भारी मलवा सड़क पर आ जाने से हर साल बद्रीनाथ की यात्रा अक्सर बाधित होने लगी। लगभग 500 मीटर लम्बा यह जोन यात्रा के लिए नासूर बन गया। पिछले ढाई दशकों में इस स्थान पर खासकर बरसात के दिनों मे कई वाहनों के मलवे में दबने के साथ ही कई तीर्थयात्रियों की दर्दनाक मौत हो गई। करोड़ों खर्च होने पर भी इस समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा था।
पूर्व मे जब लामबगड़ में बैराज का निर्माण किया जा रहा था। वर्ष 2013 की भीषण आपदा में लामबगड स्लाइड जोन में हाईवे का नामोनिशां मिट गया। तब सडक परिवहन मंत्रालय ने लामबगड स्लाइड जोन के स्थाई ट्रीटमेंट की जिम्मेदारी ली। लेकिन पर्यावरणीय क्लीयरेंस न मिलने व अन्य अड़चनों से यह काम लटकता रहा। अड़चनों की वजह से ट्रीटमेंट का यह काम धीमा पड़ता गया। 2017 में त्रिवेन्द्र सरकार के सत्ता में आते ही ये तमाम अड़चनें मिशन मोड में दूर की गईं और दिसम्बर 2018 में प्रोजेक्ट का काम युद्धस्तर पर शुरू हुआ। महज दो वर्ष में अब यह ट्रीटमेंट पूरा हो चुका है। अगले 10 दिन के भीतर इसे जनता के लिए समर्पित कर दिया जाएगा।