उत्तराखंड में इस साल नहीं हो पाएंगे निकाय चुनाव, चुनाव आयोग ने मांगा तीन महीने का समय प्रत्याशियों का जोश पड़ा ठंडा
रैबार डेस्क: उत्तराखंड में स्थानीय निकाय चुनाव इस साल नहीं होंगे। अगले साल फरवरी तक लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लग जाएगी। ऐसे में निकाय चुनाव आम चुनाव के बाद ही करा पाने संभव होंगे। 4 दिसंबर को निकायों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है, नियम के मुताबिक उससे पहले चुनाव करवाने चाहिए, लेकिन अभी तक परिसीमन की रिपोर्ट के बाद मतदाता सूची का रिव्यू नहीं हो पाया है।
बता दें कि हाल में कई नए निकाय गठित किए गए थे, कई नए क्षेत्र निकायों में जोड़े गए थे। शासन ने परिसमीन रिपोर्ट राज्य निर्वाचन आयोग को भेज दी है, जिसके बाद निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूची का विस्तृत पुनरीक्षण के लिए 3 महीने की समय सारणी जारी की है। यानी फरवरी से पहले ये काम पूरा नहीं हो पाएगा। इसी वजह से निकाय चुनाव टाले गए हैं।
निर्वाचन नामावलियों के पुनरीक्षण का कार्य 2 नवंबर 2023 से 2 फरवरी 2024 तक होना है। मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन 2 फरवरी 2024 को किया जाएगा। ऐसे में निकायों का कार्यकाल खत्म होने के बाद निकायों को प्रशासकों के हवाले किया जाएगा। लेकिन फरवरी तक आम चुनावों की आचार संहिता लागू हो जाएगी। राज्य की मशीनरी भी लोकसभा चुनाव में व्यस्त रहेगी, ऐसे में निकाय चुनाव के लिए मई-जून से पहले का समय मिलना मुश्किल है।
उत्तराखंड में निकाय चुनाव के लिए काफी समय से सुगबुगाहट चल रही थी। निकाय चुनाव की तैयारी में जुटे उम्मीदवार पहले से ही चुनाव को लेकर संशय जता रहे थे लेकिन फिर भी वे चुनाव के लिए तैयारियों में जुटे हुए थे। राज्य निर्वाचन आयुक्त चंद्रशेखर भट्ट ने प्रदेश के नगर निगमों, नगर पालिका परिषद और नगर पंचायत की निर्वाचक नामावलियां तैयार करने के लिए समय सारणी की अधिसूचना गुरुवार को जारी कर दी है। जिसके बाद फिलहाल तीन माह के लिए निकाय चुनाव के उम्मीदवारों का उत्साह ठंडा पड़ गया है। निकायों का कार्यकाल 4 दिसंबर को समाप्त हो रहा है लेकिन उससे पहले चुनाव होना संभव नहीं है।
उत्तराखंड में वर्तमान में नगर निकायों की संख्या 110 है। इनमें से सात निकाय कुछ समय पहले ही अधिसूचित किए गए हैं। अन्य निकायों के साथ इन नए निकायों का चुनाव करना संभव नहीं है। शेष 103 निकायों में केदारनाथ, बद्रीनाथ और गंगोत्री में चुनाव नहीं होते हैं। रुड़की नगर निगम और बाजपुर नगर पालिका परिषद में चुनाव बाद में हुए थे। जिस कारण इनका कार्यकाल अगले वर्ष पूरा होना है। वहीं सिरोरीकला निकाय के गठन को लेकर कोर्ट से स्टे मिला हुआ है। इसके बाद मात्र 97 निकायों में ही चुनाव होने हैं।