CBSE पैटर्न नहीं पचा पा रहे हमारे उत्कृष्ट विद्यालय, नतीजों में फिसड्डी, सरकार का फॉर्मूला हुआ फेल
रैबार डेस्क: CBSE के 10वीं और 12वीं के नतीजे उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों के लिए अच्छी खबर लेकर नहीं आए। सरकार ने नया प्रयोग करते हुए राज्य के 155 अटल उत्कृष्ट विद्यालयों में सीबीएसई पैटर्न लागू किया था, लेकिन ये पैटर्न उल्टा पड़ गया। शुक्रवार को जब नतीजे आए तो अटल उत्कृष्ट विद्यालयों का रिजल्ट फिसड्डी रहा। सरकार ने करोड़ों खर्च कर सीबीएसई पैटर्न के जिन अटल उत्कृष्ट विद्यालयों से गुणवत्तायुक्त शिक्षा का सपना दिखाया, उन 155 विद्यालयों की हालत ये है कि 10वीं में इन विद्यालयों का रिजल्ट 60.49 प्रतिशत और 12वीं में महज 51.49 प्रतिशत रहा। इससे सीबीएसई देहरादून रीजन के ओवरऑल नतीजों में भी गिरावट आ गई। Uttarakhand govt schools with cbse pattern have very disappointing results
अटल उत्कृष्ट विद्यालयों के निराशाजनक नतीजों के बाद शिक्षा विभाग की चिंताएं बढ़ा दी हैं। सवाल उठ रहा है कि क्या उत्तराखंड बोर्ड का पाठ्यक्रम अच्छा नहीं था तो सीबीएसई पैटर्ल लागून करना पड़ा? ये भी सवाल है कि क्या उत्तराखंड के बेस्ट सरकारी स्कूल CBSE बोर्ड के काबिल नहीं हैं? बता दें कि अटल उत्कृष्ट विद्यालयों के बच्चों को पहाड़ के सामान्य स्कूलों की तुलना में ज्यादा संसाधन और सुविधाएं दी जाती हैं, फिर भी रिजल्ट निराशाजनक रहा। पहाडी क्षेत्रों में तो फिर भी संतोषजनक नतीजे कहे जा सकते हैं लेकिन हरिद्वार देहरादून और उधम सिंह नगर के उत्कृष्ट स्कूलों ने रिजल्ट का बंटाधार ही कर दिया।
सीबीएसई के 10वीं के नतीजों का विश्लेषण करें तो प्रदेश में 98 अटल उत्कृष्ट विद्यालय ऐसे हैं, जिनके नतीजे 50 प्रतिशत से भी कम रहे हैं। 39 ऐसे विद्यालय हैं, जिनके आधे छात्र भी पास नहीं हो पाए। वहीं, 12वीं में 59 ऐसे विद्यालय हैं, जिनके 50 प्रतिशत या इससे कम बच्चे पास हुए हैं। 155 अटल उत्कृष्ट विद्यालयों में 10वीं के 8625 में से 5142 और 12वीं के 12753 में से 6481 छात्र ही पास हुए हैं।
हालांकि कुछ एक अटल उत्कृष्ट स्कूलों ने बेहतर प्रदर्शन भी किया है। जीआईसी उर्गम, चमोली ने 10वीं में 100 प्रतिशत, जीआईसी खिरेरिखाल पौड़ी ने 10वीं, 12वीं में 100 फीसदी, जीआईसी श्रीकोठाल एकेश्वर, पौड़ी और जीआईसी बुंगलागढ़ी पौडी ने 10वीं में 100 प्रतिशत रिजल्ट दिया है।