आग से जलते जंगल, बाघ के खौफ से मरते लोग, और कुर्सी के लिए पहाड़ को मुंह चिढ़ाती एक तस्वीर
रैबार डेस्क: उत्तराखंड में जंगलों में ज्वाला भड़कने लगी है। जगह जगह धुआं दिख रहा है। पौड़ी के रिखणीखाल में बाघ का इतना आतंक है कि यहां कर्फ्यू लगाना पड़ा है। लोग खौफ के साए में जी रहे हैं। लेकिन इन सब के बीच वन विभाग के मुखिया के लिए मची रस्साकस्सी की एक तस्वीर पूरे प्रदेश को मुंह चिढ़ा रही है। पिछले 15 दिन में तीन बार हेड ऑफ फॉरेस्ट फोर्सेस यानि हॉफ बदले गए हैं। बुधवार को एक बार फिर से विनोद सिंघल की हॉफ पद पर ताजपोशी हुई है। Vinod singhal takes charge as HoFF uttarakhand after supreme court stays on high court order
पहाड़ों में बाघ और आग की दोहरी आफत के समय वन विभाग को संजीदा रुख अपनाना चाहिए था, लेकिनव वलन विभाग के दो टॉप अफसर कुर्सी की लड़ाई में मशगूल रहे। 2021 में सरकार ने हॉफ पद से राजीव भरतरी को हटा दिया था और उकी जगह विनोद सिंघल को हॉफ बनाया था। राजीव भरतरी तबादले से आहत हुए और कानूनी लड़ाई लड़ते रहे। 4 अप्रैल को हाईकोर्ट के आदेश के बाद राजीव भरतरी ने हॉफ का पद संभाला था। लेकिन 6 अप्रैल को सिंघल ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी। 17 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी जिससे भरतरी की कुर्सी पर फिर से संकट आ गया। आखिरकार भरतरी को वन विभाग के मुखिया की पोस्ट एक बार फिर से सिंघल को सौंपनी पड़ी।
इस सब के बीच पौड़ी के रिखणीखाल में बाघ का आतंक बढ़ता गया। बाघ ने दो लोगों को शिकार बनाया। मवेशियों पर भी हमला किया। लोग घरों से बाहर निकलने में डरने लगे। हालात इतने खराब हो गए कि शाम के वक्त से कर्फ्यू लागू कर दिया गया। उधर के प्रदेश के कई हिस्सों में वनाग्नि भड़कने लगी है। लेकिन इस सबसे वन विभाग को क्या लेना देना। विभाग के दो टॉप अफसर अहम की लड़ाई लड़ने में मशगूल रहे। और आज मुस्कराते चेहरे के साथ जो तस्वीर दिख रही है, वो पहाड़ की पीड़ा पर नमक छिड़कने का काम कर रही है। बहरहाल हो सकता है कोर्ट से इस मामले में एक और ट्विस्ट आ जाए, और फिर से हॉफ की अदला बदली का खेल जारी रहे।