2024-04-20

पाई पाई जोड़कर बनाए घरों पर लगे खतरे के लाल निशान, घरों को छोड़ने को तैयार नहीं लोग, पुनर्वास के इंतजाम न होने से आक्रोश

red marks on vulnarable houses in joshimath

रैबार डेस्क: जोशीमठ भू धंसाव की त्रासदी विकराल होती जा रही है। प्रशासन ने लोगों क सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की कवायद तेज कर दी है। इस बीच 678 प्रभावित घरों में से करीब 68 घरों को बहुत ज्यादा संवेदनशील माना गया है जिन्हें फौरन गिराए जाने की बात कही जा रही है। प्रशासन ने ऐसे अति संवेदनशील घरों पर लाल निशान लगा दिए हैं। इसका मतलब है कि ये घर खतरे से खाली नही हैं, लोगों को इन्हें खाली करना ही होग और राहत शिविरों में जाना होगा। लेकिन पुनर्वास की उचित व्यवस्था न होने के कारण लोगों में आक्रोश है। red cross markson vulnarable houses in joshimath

जोशीमठ में 678 घरों पर भू धंसाव से दरारें आई हैं। प्रशासन ने लोगों के अस्ताई पुनर्वास के प्रयास तेज कर दिए हैं। अब तक कुल 81 परिवारों को सुरक्षित स्थानो पर शिफ्ट किया गया है। लेकिन चिंता की बात ये है कि 68 घरों पर गंभीर रूप से खतरा है। सिंहधार, गांधीनगर, सुनाल, मनोहर बाग वार्ड में हालात बहुत खराब हैं। यानि ये घर कभी भी गिर सकते हैं। इसलिए इन्हें खाली करावाया जा रहा हैष इन मकानों पर लाल रंग के निशान लगाए जा रहे हैं। केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान की टीम ने जोशीमठ भूधंसाव वाले इलाके में दरार पड़ी भवनों का भी निरीक्षण किया है जिन्हें जल्द टीम तोड़ सकती है।

हालांकि इस पहल को लेकर स्थानीय लोगों में काफी नाराजगी देखी जा रही है। लोगों का कहना है कि सरकार ने हमारे पुनर्वास की व्यवस्था तक नहीं की है, औऱ अब हमारे पुश्तैनी घरों को तोड़ने के फरमान जारी कर दिए हैं। इसके खिलाफ लोगों ने नारेबाजी भी की है। मनोहर बाग की परमेश्वरी देवी कहती हैं कि इन घऱों को हमने पाई पाई जोड़कर बनाया है। अब इन्हें तोड़ने के फरमान जारी हो रहे हैंष और हमारे पुनर्वास की कोई ढंग से व्यवस्था तक नहीं है। चाहे कुछ भी हो जाए हम अपनी जमीन नहीं छोड़ेंगे. अपने मकान नहीं छोड़ेंगे। स्थानीय लोगों ने एसडीएम जोशीमठ कुमकुम जोशी के सामने अपनी नाराजगी जताई और शिविरों का निरीक्षण करने जा रहे डीएम के वाहन को रोक दिया लोगों ने एसडीएम पर दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया

तीन जोन में बंटा जोशीमठ

जोशीमठ में प्रवास कर रहे मुख्यमंत्री के सचिव डॉ आर मीनाक्षी सुंदरम के मुताबिक जोशीमठ के प्रभावित घरों को 3 श्रेणियों में बांटा गया है। जिन भवनों में मोटी दरारें हैं और वे कभी भी गिर सकते हैं वहा डेंजर जोन घोषित किया गया है। यहा से प्राथमिकता के आधार पर सभी लोगों को सुरक्षित स्थानों के लिए निकाला जा रहा है। दूसरा बफर जोन है जहां भवनों में आंशिक दरारें हैं। यहां खतरा आने वाले समय में बढ़ सकता है। यहां के लोगों को भी राहत शिविरों में ले जाया जा रहा है। तीसरा सुरक्षित जोन है जहां पर राहत शिविर चलाए जा रहे हैं। ये जोन पूरी तरह सुरक्षित है।

सीएम ने ली एनडीएमए के साथ बैठक

सीएम धामी ने जोशीमठ के हालात और लोगों के सुरक्षित पुनर्वास के संबंध में एनडीएमए के अधिकारियों के साथ बैठक की। सीएम ने एनडीएमए से किसी भी हालत से निपटने को तैयार रहने की अपेक्षा की। सीएम ने कहा कि हम सबकी पहली प्राथमिकता लोगों का जान बचाना है। उनको सुरक्षुत स्थानों पर पहुंचाना है।

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