मशहूर पर्यावरणविद सुंदर लाल बहुगुणा नहीं रहे,एम्स ऋषिकेश में कोरोना से निधन
रैबार डेस्क: उत्तराखंड के लिए एक बुरी खबर है। मशहूर पर्यावरणविद पद्मविभूषण सुंदर लाल बहुगुणा (sundar lal bahuguna chipko movement) का कोरोना से निधन हो गया है। 84 वर्षीय बहुगुणा कोरोना से संक्रमित थे, उन्होंने शुक्रवार को एम्स ऋषिकेश में अंतिम सांस ली।
मूल रूप से टिहरी में जन्मे बहुगुणा ने पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में वैश्विक ख्याति हासिल की। उन्होंने 1970 के दशक में चमोली के रैनी गांव से जन्मे चिपको आंदोलन को पहाड़ों से लेकर देश विदेश तक पहुंचाया। 80 के दशक में उन्होंने टिहरी बांध परियोजना के पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव के बारे में जन आंदोलन छेड़ा। 1995 में उन्होंने बांध के विरोध में 45 दिन का अनशन भी किया। पर्यावरण की सेवा के लिए उन्हें प्रतिष्ठित जमना लाल बजाज पुरस्कार से सम्मानित किया गया । भारत सरकार ने उन्हें 1981 में पद्मश्री तथा 2009 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया।
बहुगुणा को कोविड निमोनिया की शिकायत पर एम्स ऋषिकेश में भर्ती कराया गया था। उनके निधन से हर तरफ शोक की लहर है। राज्यपाल बेबी रानी मौर्या, सीएम तीरथ सिंह रावत ने भी उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।