Unlock-4: जानिए देश में कब कब क्या क्या खुलेगा, उत्तराखंड में प्रवेश के लिए पास जरूरी नहीं, पंजीकरण अनिवार्य
केंद्र सरकार ने अनलॉक-4 की नई गाइडलाइन जारी कर दी हैं। इसमें कंटेनमेंट जोन के बाहर लगभग सारी गतिविधियों की इजाजत दे दी गई है। अंतरराज्यीय आवाजाही पर रोक हटाने जैसे फैसले लिए गए हैं। उत्तराखंड में भी अब एक दिन में 2000 लोगों के प्रवेश सीमा को खत्म कर दिया गया है। सबसे बड़ी बात यह कि देशभर में मेट्रो सेवाओं को बहाल करने की हरी झंडी दी गई है।
Unlock-4 के दिशानिर्देशों में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने साफ कर दिया कि राज्य सरकारें अपनी मर्जी से कंटेनमेंट जोन के बाहर कोई लॉकडाउन नहीं लगा सकेंगी। कुछ गिनी-चुनी गतिविधियों को छोड़कर अन्य सबकी अनुमति मिलेगी। मेट्रो सेवाएं सात सितंबर से फिर शुरू हो जाएंगी। स्कूलों और उच्च शिक्षण संस्थानों में भी पहली बार सीमित गतिविधियों की इजाजत दी गई है।
1 सितंबर से पोस्ट ग्रेजुएट के छात्रों के लिए IITऔर IIM जैसे संस्थान तथा पीएचडी जैसे शोध कार्यो से जुड़े उच्च शिक्षण संस्थान खुल सकेंगे।
7 सितंबर से मेट्रो का क्रमबद्ध परिचालन शुरू किया जाएगा। इसके लिए आवास एवं शहरी मंत्रालय तथा रेल मंत्रालय एसओपी जारी करेंगे।
21 सितंबर से राज्य अपने स्कूलों में 50 फीसदी शिक्षकों व अन्य स्टाफ की अनुमति दे सकते हैं। ऑनलाइन कोचिंग, टेली काउंसिलिंग एवं अन्य गतिविधियों की इजाजत होगी।
पैरेंट्स की अनुमति से नौवीं से 12वीं के छात्र शिक्षकों से परामर्श के लिए स्कूल जा सकेंगे। लेकिन उपस्थिति के लिए स्कूल, छात्रों पर दबाव नहीं डालेंगे
ITI एवं अन्य स्किल डेवलपमेंट सेंटर खुल सकेंगे।
सामाजिक, धार्मिक, राजनीतिक, शैक्षणिक एवं खेल आयोजनों की अनुमति होगी। अधिकतम 100 लोग शामिल होंगे। फेस मास्क, शारीरिक दूरी व अन्य प्रावधानों का पालन करना होगा। 20 सितंबर तक शादी में 50 एवं अंतिम संस्कार में 20 लोगों की अनुमति रहेगी। इसके बाद इनमें भी 100 लोग उपस्थित रह सकेंगे।
पैसेंजर ट्रेनें बंद रहेंगी केवले चुनिंदा ट्रेनों के संचालन को इजाजत मिली है।
उत्तराखंड आने को पास की बाध्यता खत्म
केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से अनलॉक-4 की गाइडलाइन जारी होने के साथ ही प्रदेश सरकार ने भी प्रदेश में आने वाले लोगों की प्रति दिन 2000 लोगों की सीमा का प्रतिबंध हटा दिया है। इसके साथ ही स्मार्ट सिटी की वेबसाइट http://dsclservices.org.in/apply.php पर पंजीकरण कराना भी अनिवार्य कर दिया गया है। सरकार का तर्क है कि यह कॉनटेक्ट ट्रेसिंग के लिए जरूरी है। प्रदेश के लोगों को भी पंजीकरण करना होगा, हालांकि एप्रूवल की जरूरत नहीं होगी। केंद्र ने साफ किया है कि केंद्र की अनुमति के बिना कंटेनमेंट जोन से बाहर किसी तरह का प्रतिबंध लगाने का अधिकार नहीं होगा। प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामलों को देखते हुए प्रति 2000 लोगों को ही आने की अऩुमति थी। इसके साथ ही जिलाधिकारियों को अतिरिक्त 50 पास जारी करने को कहा गया था।
इसके तुरंत बाद ही आपदा प्रबंधन एंव पुनर्वास विभाग के प्रभारी सचिव एसए मुरुगेशन ने दो अलग-अलग आदेश जारी किए। पहले आदेश में यह स्पष्ट कर दिया गया कि प्रदेश में आने वाले यात्रियों की संख्या को लेकर कोई रोकटोक नहीं होगी। दूसरे आदेश में यह जोर देकर कहा गया कि राज्य में बाहर से आने वाले लोगों को स्मार्ट सिटी की वेबसाइट पर अनिवार्य रूप से पंजीकरण कराना होगा। खास बात यह भी है कि बॉर्डर चेक पोस्ट पर पंजीकरण दस्तावेज दिखाने की शर्त को नहीं हटाया गया है। इसी के साथ यह भी स्पष्ट किया गया है कि आरटी-पीसीआर टेस्ट भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद की अधिकृत लैब से ही कराना होगा।