अब आवाजाही के लिए पास या परमिशन की जरूरत नहीं, केंद्र ने राज्य सरकारों को दिए स्पष्ट निर्देश
देहरादून: उत्तराखण्ड में अब कहीं भी आने जाने या प्रदेश में बाहर से आने अथवा प्रदेश से बाहर जाने के लिए किसी तरह के पास की जरूरत नहीं होगी। केंद्रीय गृहमंत्रालय ने सभी राज्य सरकारों को इस बाबत स्पष्ट आदेश दिए हैं। उत्तराखण्ड के मुख्य सचिव को भी केंद्रीय गृह सचिव का पत्र मिला है जिसमें साफ निर्देश हैं कि यात्रियों की अंतर्जनपदीय या अंतरराज्यीय आवाजाही पर किसी तरह की रोक न लगे।
कोरोना के खतरे के बीच भले ही अनलॉक की प्रक्रिया चल रही है। इस बाबत आवाजाही में केंद्र सरकार ने छूट दी है। लेकिन कई राज्यों ने खतरे के मद्देनजर आवाजाही के लिए कुछ प्रतिबंध लगाए हैं साथ ही बिना पास के आवाजाही नहीं करने दी जा रही है। उत्तराखण्ड में आने या यहां से बाहर जाने के लिए भी ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन जरूरी है। लेकिन इसमें सबसे बड़ी दिक्कत ये है कि एक दिन में केवल 2000 लोगों को ही राज्य में प्रवेश की अनुमति है। इस वजह से कई लोगों को परेशानी हो रही है।
इन परिस्थियों में आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई में और लोगों के आने-जाने में किसी तरह की बाधा उत्पन्न न हो इस बाबत पर केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से बातचीत की है। सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को भेजे गए पत्र में केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा है कि ऐसी खबरें मिली हैं कि विभिन्न जिलों और राज्यों द्वारा स्थानीय स्तर पर आवाजाही पर पाबंदी लगाई जा रही है। प्रसाशन पास देने में दिक्कतें कर रहा है। ऐसी पाबंदियों से माल और सेवाओं के अंतरराज्यीय आवागमन में दिक्कतें पैदा होती हैं और इससे आपूर्ति श्रृंखला पर असर पड़ता है। इस वजह से आर्थिक गतिविधि या रोजगार में अवरोध पैदा होता है।
मुख्य सचिव को भेजे पत्र में स्पष्ट निर्देश हैं कि लोगों की या सामान की एक राज्य से दूसरे राज्य में आवाजाही पर किसी तरह की पाबन्दी न हो और इसके लिए किसी तरह के पंजीकरण या पास की जरूरत भी नहीं है।
केंद्र के इस फैसले के बाद अब उत्तराखण्ड में आने वालों की लिमिट भी खत्म हो जाएगी। लोग अपने राज्य में आ जा सकेंगे। राज्य सरकार अब जल्द ही इंटर स्टेट परिवहन सुविधा खोलने पर विचार कर सकती है।