2024-05-02

केदारघाटी में जल्द उतरेगा बाहुबली हेलिकॉप्टर चिनूक, तैयार हुआ सबसे बड़ा हेलीपैड

KEDARNATH HELIPAD FOR CHINOOK UTTARAKHAND RAIBAR

KEDARNATH HELIPAD FOR CHINOOK UTTARAKHAND RAIBAR

केदारघाटी में पुनर्निर्माण कार्यों में आएगी तेजी। चिनूक से लाया जाएगा भारी सामान।

चिनूक उतारने के लिए केदारनाथ में हेलीपैड तैयार।

केदारनाथ (रुद्रप्रयाग):  केदारनाथ धाम (Kedarnath Dham) में निर्माण कार्यों को गति देने के लिए भारी भरकम सैन्य हेलीकॉप्टर चिनूक (Chinook Helicopter) की लैंडिंग की तैयारियां हो गई हैं। इसके लिए केदारघाटी में चिनूक को उतारने के लिए हेलीपैड (Chinook Helipad) तैयार कर लिया गया है। चिनूक हेलीकॉप्टर के जरिए यहां पुनर्निर्माण कार्यों के लिए भारी मशीनें पहुंचाई जा सकेंगी।

जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने केदारनाथ धाम में वायु सेना के मालवाहक हेलीकॉप्टर चिनूक को उतारने के लिए हेलीपैड तैयार किया। पिछले दिनों कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया था। यहां पर एमआई-26 हेलीकॉप्टर उतारने के लिए पहले से ही हेलीपैड मौजूद था, जिसका विस्तारीकरण किया गया है। पिछले दिनों मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने केदारनाथ में व्यवस्थाओं का जायजा लिया था और डीडीएमए को दस दिन के भीतर हेलीपैड तैयार करने के निर्देश दिए थे। अब वायु सेना की टीम इस हेलीपैड का निरीक्षण करेगी और फिर चिनूक केदारनाथ के लिए उड़ान भरेगा।

हेलीपैड के लिए 50 मीटर चौड़ा व सौ मीटर लंबा प्लेटफार्म तैयार किया गया है। लोक निर्माण विभाग इसे अक्टूबर के पहले सप्ताह तक फाइनल टच दे देगा। इसके बाद चिनूक की सफल लैंडिंग के लिए शासन की टीम इसकी रेकी करेगी। इसके लिए हेलीपैड के एक हिस्से से गढ़वाल मंडल विकास निगम के 45 कॉटेज हटाए गए।

ये होंगे फायदे

2013 की आपदा में तबाद हुए केदारनाथ धाम का पुनर्निर्माण कार्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट रहा है। पहले चरण में मंदिर परिसर, और रास्तों व घाटों के निर्माण का काम हो चुका है। अब दूसरे चरण मे केदारपुरी में आस्था पथ, शंकराचार्य समाधि स्थल का निर्माण हो रहा है। तीर्थ पुरोहितो के लिए भवन भी बनाए जाने हैं। जिसके लिए भारी मशीनों की जरूरत पड़ेगी। दूसरे चरण के पुनर्निर्माण कार्य अक्टूबर से प्रस्तावित हैं। इन भारी मशीनों को चिनूक द्वारा गौचर हेलीपैड से केदारनाथ पहुंचाया जा सकता है। वायुसेना और अन्य एजेंसिया अक्टूबर पहले हफ्ते तक हेलीपैड की जांच करना चाहते हैं ताकि जल्द से जल्द चिनूक की लैंडिंग केदारघाटी में हो।
इसके अलावा चिनूक भारी मात्रा में सैन्य साजो सामान भी ले जा सकता है। चीन केसाथ मौजूदा सीमा विवाद को लेकर भी केदारनाथ में चिनूक की लैंडिंग को अहम माना जा रहा है। हालांकि यहां से चीन सीमा काफी दूर है, लेकिन चिनीक के लिए लैंडिंग ग्राउंड बनने से सेना को एक एडवांटेज मिल सकता है।

ऐसा है बाहुबली हेलिकॉप्टर चिनूक

वायुसेना का बाहुबली चिनूक हेलीकॉप्टर अमेरिका से आयात किया गया है। यह चॉपर युद्ध अथवा शांतिकाल में भारी भरकम साजोसामान ढोने में काम आता है। यह 11 टन तक भारी सामान ले जाने में सक्षम है। ये ऊंचे और दुर्गम इलाकों तक भारी सामान पहुंचा सकता है। साथ ही हर मौसम और दिन-रात उड़ान भरने में भी चिनूक सक्षम है।  

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