2024-05-04

सौर स्वरोजगार योजना: बंजर जमीन पर करें सोलर बिजली की खेती, 10 हजार लोगों को मिलेगा लाभ, और भी कई फायदे

mukhyamantri solar swarojgar yojana

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मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना में अवसर। 10 हजार लोग लगा सकेंगे 25KV के प्लांट।

प्लांट लगाने पर मिलेगी कई रियायतें। सरकार खरीदेगी बिजली, होगी अच्छी कमाई।

देहरादून:  पहाड़ की बंजर पड़ी जमीन अब सूरज की रोशनी से स्वरोजगार (Self Employment) पैदा करके आबाद हो सकेगी। कोरोना संकट में प्रदेश के करीब 10 हजार युवाओं को सौर ऊर्जा से स्वरोजगार (Solar Energy) अपनाने का सुनहरा मौका मिल रहा है। बहु प्रतीक्षित मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना (Mukhyamntri Saur Swarojgar Yojana) का आदेश जारी हो चुका है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत (Trivendra Singh Rawat)के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत 10 हजार युवाओं को रोजगार देने का लक्ष्य रखा गया है। 10 हजार उद्मयी अपने साथ 10 हजार अन्य लोगों को भी रोजगार से जोड़ सकते हैं। यानी अब प्रदेश में खाली पड़ी जमीन पर युवाओं को 25 किलोवाट तक के सोलर प्लांट लगाने के मौके मिलेंगे। सोलर प्लांट पर सब्सिडी तो मिलेगी ही, उद्यमी इस बिजली को सीधे सरकार को बेच सकेंगे। आइए विस्तार से जानते हैं क्या है सौर स्वरोजगार योजना और कैसे इसका लाभ लिया जा सकता है।

मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के तहत पूरे प्रदेश में 25 किलोवाट क्षमता के सोलर प्लांट लगाए जाएंगे। सरकार का मानना है कि कोरोना संकट में उत्तराखंड लौटे प्रवासियों के लिए यह योजना आजीविका का मजबूत आधार बन सकती है। योजना का स्वरूप इस ढंग से तैयार किया गया है कि डेढ़ से ढाई लाख रुपये तक की पूंजी वाला व्यक्ति सरकार के सहयोग से परियोजना लगा सकता है।

कितना ऋण, कितनी छूट

मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना में 25 किलोवाट तक का प्लांट लगाने की अनुमानित लागत 10 लाख रुपए आंकी गई है।

इसके लिए बैंक से करीब 70 प्रतिशत लोन मिलेगा। यह लोन कॉपरेटिव बैंक से 8% की ब्याज दर पर मिलेगा। शेष 30 प्रतिशत राशि को मार्जिन मनी के रूप में एडजस्ट किया जाएगा।

लोन लेते वक्त जो करीब 7%  का स्टांप शुल्क लगता था, उसको माफ किया गया है। यानी अगर कोई 10 लाख तक का प्रोजेक्ट लगाता है तो उसे सीधा 49 हजार का फायदा स्टांप ड्यूटी में छूट हे ही मिल जाएगा।

इसके अलावा सौर योजना में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत अनुदान भी मिलेगा।

यदि सीमावर्ती पर्वतीय जिलों में प्लांट लगाते हैं तो सीधे-सीधे तीन लाख रुपये तक राहत मिलेगी। अन्य पहाड़ी पहाड़ी जिलों में 20 प्रतिशत के रूप में दो लाख और मैदानी क्षेत्रों में 15 प्रतिशत के रूप में डेढ़ लाख रुपये की सब्सिडी मिलेगी।

कितनी होगी आमदनी
सोलर प्लांट लगाने वालों के साथ सरकार का उपक्रम उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन (यूपीसीएल) 25 साल का करार करेगा। 25 किलोवॉट के प्रोजेक्ट से सालाना 38 हजार यूनिट बिजली पैदा होगी। इस प्लांट से पैदा होने वाली बिजली चार रुपये से भी ज्यादा प्रति यूनिट की दर से यूपीसीएल खरीदेगा। यानी मोटे तौर पर सालाना 1.76 लाख की बिजली पैदा होगी। बैंक की किश्त, मेंटनेंस का खर्चा निकालने के बाद भी सालाना 70 हजार रुपये की शुद्ध बचत होगी। लोन चुकाने के बाद हर महीने 14 हजार रुपये से ज्यादा की घर बैठे कमाई होगी।

इसके साथ ही प्लांट की भूमि पर मधुमक्खी पालन, खेती, बागवानी आदि से भी उद्यमी अपनी आमदनी कर सकेंगे। सोलर प्लांट की भूमि पर प्लांट लगाने के बाद भी एरोमेटिक प्लांट, जड़ी बूटी के पौधे समेत सब्जियां उगाई जा सकेंगी। इसके लिए उद्यान विभाग निशुल्क बीज उपलब्ध कराएगा। सहकारिता विभाग मौन पालन में सहयोग कर किसानों की आय को बढ़ाने में सहयोग करेगा।

ऐसे करें आवेदन

यह योजना एक अक्टूबर से प्रभावी होगी। आवेदन भी अक्टूबर में ही शुरू होंगे।

योजना का लाभ लेने के लिए MSME पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन किए जा सकते हैं।

आवेदन के साथ अभ्यरप्थी को 500 रुपए का ड्राफ्ट या शुल्क उरेडा के खाता संख्या 4422000101072887 में जमा करना होगा।

प्राप्त आवेदनों की छंटनी और जांच के लिए जिला स्तर पर तकनीकी समिति गठित की जाएगी।

उपयुक्त पाए गए आवेदनों को जिलास्तरीय कमेटी अप्रूवल देगी। अप्रूवल मिलते ही सीधे कोपरेटिव बैंक से ऋण के लिए आवेदन मान्य हो जाएगा।

आवेदन के 15 दिनों के बीतर ऋण स्वीकृत हो जाएगा। प्लांट के आवंटन पत्र मिलते ही अभ्यर्थी को यूपीसीएल के साथ एग्रीमेंट साइन करना होगा।

अधिक जानकारी संबंधित जिला उद्योग केंद्रों से भी ली जा सकती है।

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300 वर्ग मी. जमीन पर लगेगा प्रोजेक्ट
25 किलोवॉट के सोलर प्लांट लगाने के लिए 300 वर्गमीटर भूमि की जरूरत होगी। अगर अपनी जमीन नहीं है तो लीज पर ले सकते हैं। योजना के लिए जमीन का लैंड यूज चेंज नहीं करना पड़ेगा।

सोलर प्लांट यूपीसीएल के 63 केवीए के ट्रांसफार्मरों से ही जुडेंगे। प्रोजेक्ट की 63 केवीए के ट्रांसफर से पहाड़ों में 300 मीटर हवाई दूरी और मैदानी क्षेत्रों में 100 मीटर दूरी होनी चाहिए। पर्वतीय क्षेत्रों में ट्रांसफार्मर की हवाई दूरी बढ़ाई गई है जिससे ज्यादा से ज्यदा लोगों को फायदा मिलेगा। यूपीसीएल के राज्य में मौजूद 25 हजार ट्रांसफार्मर से प्रोजेक्ट जुड़ेंगे।

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