2024-04-26

आपदा पीड़ितों को दी जाने वाली सहायता राशि बढ़ी, 7 नवंबर तक सड़कों को दुरस्त करने का लक्ष्य

Compensation fund increased

रैबार डेस्क: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आपदा प्रभावितों को विभिन्न मदों में दी जा रही सहायता राशि को बढ़ाने के निर्देश (cm dhami orders to increase compensation fund) दिये हैं। उन्होंने कहा कि आपदा के मानकों में सम्भव न होने पर अतिरिक्त राशि की व्यवस्था मुख्यमंत्री राहत कोष से की जाए। मुख्यमंत्री ने पुनर्निर्माण व राहत कार्यों की मॉनिटरिंग के लिये हाईपावर कमेटी बनाने के निर्देश दिये। सीएम ने प्रदेश के बंद मार्गों को 7 नवंबर तक हर हाल में खोलने और अन्य सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के निर्देश दिए हैं।

अब इतना मिलेगा मुआवजा
मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद प्रभावित परिवारों को कपड़े, बर्तन व घरेलू सामान के लिए दी जाने वाली अहेतुक सहायता राशि को 3800 रुपये से बढ़ाकर 5000 रुपये किया गया है। पूर्ण क्षतिग्रस्त मकान के लिये सहायता राशि जो कि मैदानी क्षेत्रों में 95 हजार रुपये प्रति भवन और पहाड़ी क्षेत्रों में 1 लाख 1 हजार 900 रुपये प्रति भवन दी जा रही है, को मैदानी और पर्वतीय दोनों क्षेत्रों में बढ़ाकर 1 लाख 50 हजार रुपये प्रति भवन किया गया है। आंशिक क्षतिग्रस्त (पक्का) भवन के लिए सहायता राशि को 5200 रुपये प्रति भवन से बढ़ाकर 7500 रुपये प्रति भवन और आंशिक क्षतिग्रस्त (कच्चा) भवन के लिए सहायता राशि को 3200 रुपये प्रति भवन से बढ़ाकर 5000 रुपये प्रति भवन किया गया है। भूमि क्षति के लिए राहत राशि न्यूनतम एक हजार रुपये अनुमन्य की जाएगी। अर्थात भूमि क्षति पर राहत राशि, कम से कम एक हजार रुपये तो दी ही जाएगी। घर के आगे या पीछे का आंगन व दीवार क्षतिग्रस्त होने को भी आंशिक क्षतिग्रस्त में लिया जाएगा। पहले इस पर सहायता नहीं दी जाती थी।
राज्य आपदा मोचन निधि मानकों से अनुमन्य की गयी अधिक धनराशि का भुगतान मुख्यमंत्री राहत कोष से वहन किया जाएगा। इसी प्रकार क्षतिग्रस्त भवनों के प्रकरणों में यदि भवन एसडीआरएफ के मानकों की परिधि से बाहर है तो ऐसे प्रकरणों पर सहायता मुख्यमंत्री राहत कोष से प्रदान की जाएगी। जीएसटी के दायरे से बाहर के छोटे व्यापारियों को दुकान में पानी भर जाने आदि से नुकसान होने पर 5 हजार रुपये की सहायता दी जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 7 नवम्बर तक प्रदेश की सड़कों को गड्ढामुक्त करना है। उन्होंने दोनों मंडलायुक्तों को इसकी लगातार मानिटरिंग करने के निर्देश दिये हैं।

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