2024-04-26

जानिए ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाइन पर कितना काम हुआ पूरा, सीएम ने की समीक्षा

देहरादून:   पहाड़ की लाइफलाइन कहे जाने वाली ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाइन परियोजना पर तेजी से काम चल रहा है। लॉकडाउन में राहत मिलते ही इस, परियोजना के रुके हुए काम फिर से शुरू हो गए हैं। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आज इस परियोजना की समीक्षा की।

समीक्षा के दौरान में रेल विकास निगम लिमिटेड के अधिकारियों ने सीएम को निर्माण के कार्यों की प्रगति की जानकारी दी। 125 किलोमीटर लंबी ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन में 12 स्टेशन बनाये जा रहे हैं। जिसमें कुल 105.47 किमी में 17 टनल बनाई जा रही हैं। रेलवे ट्रैक के इतने लंबे हिस्से को टनल से गुजारना एक बडी चुनौती है फिर भी रेलव के इंजीनियर्स इसे अंजाम तक पहुंचाने में जुटे हैं। बैठक में ने निर्देश दिए कि निर्माण कार्य में और तेजी लाई जाय। किसी भी समस्या के समाधान के लिए राज्य सरकार की ओर से पूरा सहयोग दिया जायेगा। कार्यों में गुणवत्ता, गति एवं पारदर्शिता का विशेष ध्यान रखा जाय। उन्होंने कहा कि इस रेलवे लाइन का निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद उत्तराखण्ड की जनता एवं राज्य में आने वाले श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों को काफी सुविधा होगी।

नवनिर्मित रेलवे स्टेशन योगनगरी ऋषिकेश

अधिकारियों ने पूरे हुए निर्माण कार्यों और जिन पर काम जारी है उन कार्यों की जानकारी देते हुए बताया कि-  

*ऋषिकेश में रेलवे स्टेशन का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है।

* 1 सुरंग का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है, जबकि 5 टनल में निर्माण कार्य प्रगति पर है।

* तीन प्रमुख रेलवे ब्रिज पर कार्य प्रारम्भ हो चुका है। चंद्रभागा नदी पर 300 मीटर का ब्रिज,  लछमोली में अलकनंदा नदी पर 275 मीटर का ब्रिज और श्रीनगर में अलकनंदा पर 450 मीटर ब्रिज का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है।

* शेष पुलों का कार्य टनल निर्माण के साथ ही किया जायेगा। श्रीनगर, गौचर एवं सिवाई (कालेश्वर) में एप्रोच रोड ब्रिजेज का कार्य प्रगति पर है

चारधाम रेललाइन पर प्रजेंटेशन

 इस दौरान रेल विकास निगम लिमिटेड ने गंगोत्री-यमुनोत्री के लिए प्रस्तावित रेल लाइन पर भी प्रस्तुतीकरण दिया। यह लाइन डोईवाला से उत्तरकाशी-बड़कोड़ तक प्रस्तावित है। बैठक में जानकारी दी गई की इस रेल लाइन का सर्वे किया जा चुका है। सर्वे का कार्य मार्च 2018 से किया जा रहा था। इस प्रोजेक्ट में कुल 24 हजार करोड़ रूपये की लागत का अनुमान है। उत्तरकाशी से डोईवाला तक कुल 10 स्टेशन के लिए सर्वे किया गया है। इस रेल लाइन के लिए 24 टनल एवं 19 ब्रिज के लिये सर्वे किया गया है। यह रेल लाइन लगभग 122 किमी की होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह रेल लाइन उत्तराखण्ड में पर्यटन को बढ़ावा देने एवं कृषि बागवानी एवं स्थानीय उत्पादों की मार्केटिंग के लिए भी मददगार साबित होगी।

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