2024-04-27

14 साल का इंतजार खत्म,देश का सबसे लंबा झूला पुल, डोबरा चांठी पुल जनता को समर्पित

CM INAUGURATES DOBRA CHANTHI BRIDGE

टिहरी: आखिरकार 14 साल के लंबे इंतजार के बाद वह शुभ घड़ी आई, जब प्रतापनगर (Pratapnagar)की ढाई लाख से ज्यादा की आबादी का वनवास खत्म हो गया। सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत(Trivendra Singh Rawat) ने आज दोपहर करीब सवा बजे बहुप्रतीक्षित डोबरा चांठी पुल (Dobra Chanthi Bridge ) को जनता को समर्पित किया। जैसे ही सीएम ने देश के सबसे लंबे झूला पुल का रिबन काटा, वहां मौजूद स्थानीय जनसमुदाय में खुशी की लहर दौड़ पड़ी।

मुख्यमंत्री करीब 1बजे यहां पहुंच गए थे।इसके बाद पूजा अर्चना की गई। स्थानीय विधायक गुड्डू पंवार ने नारियल तोड़कर कार्यक्रम की शुरुआत की। फिर सीएम त्रिवेंद्र ने स्थानीय विधायक, टिहरी सांसद माला राजयलक्ष्मी शाह, राज्यमंत्री धन सिंह रावत के साथ फीता काटकर पुल का औपचारिक उद्घाटन किया। उद्घाटन होते ही पुल से वाहनों के गुजरने का सिलसिला शुरू हो गया। कई लोग झील के ऊपर पुल पर चलने के रोमांच का भी अनुभव करने लगे।

इस दौरान पुल की एप्रोच रोड के मुख्य ब्रिज को खूबसूरती से सजाया गया है। मुख्य पुल के एप्रोच रोड के नीचे कार्यक्रम का आयोजन हुआ।

जन आकांक्षाओं का सेतु: सीएम

स अवसर पर सीएम ने कहा कि डोबरा चांठी पुल मात्र एक पुल नहीं है, बल्कि जनआकांक्षाओं का सेतु है। यह पुल प्रतापनगर के लिए लाइफलाइन की तरह साबित होगा। सीएम ने कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में उनकी सरकार प्राथमिकताओं के आधार पर काम कर रही है। इसलिए सरकार बनते ही डोबरा चांठी पुल के शेष कार्य को गंभीरता से पूरा कराने के प्रयास किए गए। इसी का नतीजा है कि आज टिहरी वासियों को देश के सबसे लंबे झूला पुल का तोहफा मिला है।

इस पुल का सबसे बड़ा फायदा प्रतापनगर निवासियों को होगा,। टिहरी झील बन जाने से पहले जहां प्रतापनगर निवासियों को नई टिहरी पहुंचने में करीब चार से पांच घंटे लगते थे। अब पुल बनने के बाद यह दूरी घटकर सिर्फ डेढ़ से दो घंटे रह जाएगी। इसके साथ ही स्वास्थ्य सेवाओं और शिक्षा में भी सुधार होगा।

डोबरा-चांठी पुल का निर्माण वर्ष 2006 में शुरू हुआ था। लेकिन, लापरवाही और तकनीकी कमी के चलते पुल का डिजाइन फेल हो गया था, जिस कारण वर्ष 2010 में पुल का काम बंद करना पड़ा। तब तक पुल निर्माण पर तकरीबन 1.35 अरब की रकम खर्च हो चुकी थी। इसके बाद वर्ष 2015 में उत्तराखंड सरकार ने पुल का नया डिजाइन बनाने के लिए अंतराष्ट्रीय टेंडर किए। इसके बाद दक्षिण कोरिया की कंपनी योसीन ने पुल का नया डिजाइन बनाया और लोनिवि निर्माण खंड ने 1.35 अरब की लागत से 2016 में दोबारा निर्माण कार्य शुरू किया। 2017 में त्रिवेंद्र सरकार ने एकमुश्त 86 करोड़ की धनराशि जारी की, जिससे निर्माण कार्यों में तेजी आई। डोबरा-चांठी पुल से प्रतापनगर दुनिया के शीर्ष पर्यटन स्थल में शामिल होगा।

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