त्रिवेंद्र Vs तीरथ : कुंभ घोटाले में फर्जी टेस्टिंग का मामला, SIT जांच से संतुष्ट नहीं त्रिवेंद्र, ज्यूडिशियल जांच की मांग
रैबार डेस्क: हरिद्वार महाकुंभ के दौरान फर्जी कोरोना टेस्टिंग (fake corona testing haridwar kumbh) के मामले पर त्रिवेंद्र तीरथ के बीच बयानबाजी का दौर जारी है। सरकार ने जहां इस मामले की एसआईटी जांच बिठा दी है, वहीं पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत इससे संतुष्ट नहीं हैं। पूर्व सीएम का मानना है जी इस मामले में ज्यूडिशियल जांच ज्यादा बेहतर होती।
हरिद्वार महाकुंभ के दौरान एक लाख से ज्यादा लोगों की फर्जी कोरोना रिपोर्ट जारी करने का मामला सामने आया था। उस मामले ने तूल पकड़ा तो राज्य सरकार ने इसकी जांच के लिए एसआईटी का गठन कर दिया। लेकिन पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत महज SIT जांच से संतुष्ट नहीं हैं। त्रिवेंद्र का कहना है कि ‘ मुख्यमंत्री ने इस पर SIT का गठन किया है हालांकि मैं इसकी न्यायिक जांच चाहता था। ये अंतरराज्यीय मामला है और क्योंकि SIT में छोटी श्रेणी के अफसर हैं इसलिए लोग ये शक कर सकते हैं कि जांच सही होगी या नहीं’
इस मामले पर पहले भी पूर्व सीएम और वर्तमान सीएम के बीच जुबानी जंग हो चुकी है। त्रिवेंद्र जहां शुरू से ही उच्चस्तरीय जांच की मांग करते आ रहे हैं, वहीं सीएम तीरथ सिंह रावत ने यह कहते पल्ला झाड़ने की कोशिश जी थी कि, यह मामला उनके कार्यकाल के नहीं है।
हालांकि लाखों लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ के इस मामले में एसआईटी का गठन हो गया हो लेकिन विपक्ष से ज्यादा सत्ता पक्ष के नेताओं के बीच आपस मे तलवारें खिंची हैं।