नशे में दवाइयां तक नहीं लिख सका इमरजेंसी में बैठा डॉक्टर, स्वास्थ्य सचिव ने मांगा स्पष्टीकरण
रैबार डेस्क: उत्तराखंड में लचर स्वास्थ्य सेवाओं के आगे पब्लिक की लाचारी के रोज नए किस्से आ रहे हैं। अल्मोड़ा के अस्पताल में डॉक्टर द्वारा शराब पीकर परिजनों से अभद्रता का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। (Health secretary seeks explanation in almora drunked doctor case) प्रभारी स्वास्थ्य सचिव डॉ राजेश कुमार ने इस मामले पर सीएमएस से स्पष्टीकरण मांगा है।
आपको बता दें कि मंगलवार को अल्मोड़ा जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में रात डेढ़ बजे बलवंत लाल अपने पांच वर्षीय बेटे आरुष को लेकर पहुंचे थे। बच्चे को 103 डिग्री बुखार था। इमरजेंसी में मरीज को उपचार करवाने ले गए तो वहां तैनात डाक्टर बोलने तक की हालत में नहीं था। आरोप है कि उसकी जुबान लडखड़ाने लगी, और वह पर्चे में दवाइयां भी नहीं लिख सका। नशे में धुत डाक्टर को देख बच्चे के परिजनों ने कड़ी नाराजगी जताई। जिसके बाद स्वजन बगैर बच्चे का उपचार करवाए बैरंग लौट गए। नशे में धुत्त डॉक्टर ये तक कहने लगा कि करलो जो कर सकते हो। इस पूरे मामले का वीडियो वायरल हो गया।
मामले का संज्ञान लेते हुए प्रभारी स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने तीन दिन में प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक को स्पष्टीकरण देने के लिए कहा। प्रभारी सचिव ने बताया कि, इस प्रकार की घटनाएं किसी भी स्तर पर स्वीकार्य नहीं होंगी। कहा कि ऐसी घटनाएं सामने आने पर कठोर कार्यवाही की जाएगी। सचिव के आदेश के बाद डीजी हेल्थ ने जांच पूरी होने तक डॉ उद्भव सिंह को जिला अस्पताल से तत्काल मुक्त कर मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय में संबद्ध किया गया है।