2024-04-27

खुशख़बरी: पतंजलि ने बनाई कोरोना की दवाई,कोरोनिल तोड़ेगी कोरोना की कमर

हरिद्वार: पूरी दुनिया में कोरोना के प्रकोप से हाहाकार मची है, लेकिन भारत का विज्ञान, डॉक्टर, पुरातन आयुर्वेद कोरोना को कड़ी टक्कर दे रहा है। कुछ दिन पहले भारत की कंपनी ग्लेनमार्क ने कोरोना के इलाज के लिए FabiFlue दवाई बनाने का ऐलान किया था, अब इस दिशा में पतंजलि आयुर्वेद को भी बड़ी सफलता हाथ लगी है। बाबा रामदेव, आचार्य बालकृष्ण ने आज होम्योपैथी और आयुर्वेदिक औषधियों से तैयार कोरोना की आयुर्वेदिक दवाई कोरोनिल (Coronil) लॉन्च की है।

पतंजलि संस्‍थान की ओर से हरिद्वार में मंगलवार को दिव्य कोरोनिल टैबलेट’ (Divya Coronil Tablet) लॉन्‍च की गई। योग गुरु रामदेव और पतंजलि सीईओ बालकृष्‍ण ने इस दवा के क्लिनिकल ट्रायल के नतीजे सामने रखे। यह दवा पतंजलि रिसर्च इंस्‍टीट्यूट और नैशनल इंस्‍टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस, जयपुर ने मिलकर बनाई है। कंपनी का दावा है कि ‘कोरोनिल’ का क्लिनिकल कंट्रोल ट्रायल अंतिम चरण में है। फिलहाल इसका उत्पादन हरिद्वार की दिव्‍य फार्मेसी और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड कर रहे हैं।
इस अवसर पर योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा कि कोरोना की दवा पर दो बार ट्रायल हुआ है 100 लोगों पर दवा का क्लीनिक ट्रायल किया गया है 3 दिनों के भीतर 100 में 69% मरीज पॉजिटिव से नेगेटिव हुए। 7 दिनों के भीतर 100% मरीज ठीक हुए हैं। बाबा रामदेव ने कहा कि “पूरा देश और दुनिया जिस पल की प्रतीक्षा कर रहा था, आज हम ये घोषणा करते हैं कि कोरोना की दवा तैयार हो गई है। पूरी दुनिया एविडेंस बेस्ड मेडिसिन के ऊपर ही काम कर रही है।

आचार्य बालकृष्ण ने दवा के क्लीनिकल ट्रायल और परीक्षण की जानकारी देते हुए बताया कि रेगुलेटर से अप्रूवल के बाद, दवा का क्लिनिकल ट्रायल इंदौर और जयपुर में हुआ। आचार्य मुताबिक, कोविड-19 आउटब्रेक शुरू होते ही साइंटिस्‍ट्स की एक टीम इसी काम में लग गई थी। पहले स्टिम्युलेशन से उन कम्‍पाउंड्स को पहचाना गया जो वायरस से लड़ते और शरीर में उसका प्रसार रोकते हैं। पतंजलि सीईओ के अनुसार, सैकड़ों पॉजिटिव मरीजों पर इस दवा का क्लिनिकल केस स्‍टडी हुई जिसमें 100 प्रतिशत नतीजे मिले। उनका दावा है कि कोरोनिल कोविड-19 मरीजों को 5 से 14 दिन में ठीक कर सकती है।

इन पदार्थो से बनी कोरोनिल

बालकृष्ण के अनुसार, कोरोनिल में गिलोय, अश्‍वगंधा, तुलसी, श्‍वसारि रस और अणु तेल का मिश्रण है।अश्‍वगंधा से कोविड-19 के रिसेप्‍टर-बाइंडिंग डोमेन (RBD) को शरीर के ऐंजियोटेंसिन-कन्‍वर्टिंग एंजाइम (ACE) से नहीं मिलने देता। यानी कोरोना इंसानी शरीर की स्‍वस्‍थ्‍य कोशिकाओं में घुस नहीं पाता। वहीं गिलोग कोरोना संक्रमण को रोकता है। तुलसी कोविड-19 के RNA पर अटैक करती है और उसे मल्‍टीप्‍लाई होने से रोकती है।
बालकृष्ण के मुताबिक, यह दवा दिन में दो बार- सुबह और शाम को ली जा सकती है। ‘दिव्‍य कोरोनिल टैबलेट’ मंगलवार से मार्केट में उपलब्‍ध होगी। कंपनी इसके साथ श्‍वसारि वटी टैबलेट भी बेचेगी। श्‍वसारि रस गाढ़े बलगम को बनने से रोकता है। साथ ही यह बने हुए बलगम को खत्‍म कर फेकड़ों में सूजन को कम करता है।

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