चारधाम देवस्थानम बोर्ड भंग, धामी सरकार ने चुनाव से पहले लिया बड़ा फैसला
रैबार डेस्क: उत्तराखंड से सबसे बड़ी खबर है। चारधाम देवस्थानम बोर्ड को भंग कर दिया गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चुनाव से ठीक पहले ये (Uttarakhand govt dissolves chardham Devasthanam board) फैसला लिया है। पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रदेश के 51 मंदिरों के संचालन व बेहतर प्रबंधन के लिए देवस्थानम बोर्ड का गठन किया था। जिस पर चारधामों के तीर्थ पुरोहित और हक हकूकधारी लगातार कड़ा विरोध कर रहे थे। जल्द ही सरकार कैबिनेट की बैठक में बोर्ड को भंग करने की मंजूरी देगी और उसके पास विधानसभा के शीत सत्र में इसे सदन में रद्द किया जाएगा। इसके अलावा सरकार पूर्व से संचालित चार धाम विकास परिषद और बद्री केदार मंदिर समिति को पुनर्जीवित करेगी।
आगामी चुनाव को देखते हुए बीजेपी किसी तरह का रिस्क नही लेना चाहती थी। किसान आंदोलन पर केंद्र सरकार के फैसले से सबक लेकर उत्तराखंड सरकार ने भी ऐसा ही कदम उठाया है। देवस्थानम बोर्ड के विरोध में तीर्थपुरोहित समाज औऱ हक हकूकधारी लगातार प्रदर्शन कर रहे थे। बीजेपी को डर था कि ब्राह्मण समाज औऱ चारधाम यात्रा से जुड़े हजारों वोटरों के वोट उससे छिटक सकते हैं। इसलिए चुनाव से पहले देवस्थानम बोर्ड पर फैसला लेने का दबाव बढ़ गया था
तीर्थपुरोहितों ने मंत्रियों के आवास का घेराव भी किया था।सरकार की ओर से इस मामले के लिए कमेटी का गठन किया गया था, सरकार ने 30 नवंबर से पहले इस मामले पर ठोस निर्णय लेने का भरोसा आंदोलनकारियों को दिया था। मनोहरकांत ध्यानी की समिति ने सरकार को दो दिन पहले इस विषय पर फाइनल रिपोर्ट सौंपी थी, जिसके विवेचन के आधार पर सरकार ने बोर्ड भंग करने का फैसला लिया है। अब चारधाम समेत 51 मंदिरों का संचालन पहले की व्यवस्था के तहत होगा।