2024-05-03

Mid Day Meal: लॉकडाउन में सरकार ने रखा बच्चों के भोजन का ख्याल, खातों में ट्रांसफर किए ₹39 करोड़

रैबार ब्यूरो: कोरोना काल में समाज के हर वर्ग के समाने मुसीबतें पैद की हैं। स्कूली बच्चे भी इसेस अछूते नही रहे। स्कूलें बंद होने से देश के करोड़ों बच्चों के पोषण पर भी इसका सीधा असर पड़ा। दरअसल लॉकडाउन में बच्चों को मध्यान्ह भोजन (Mid Day Meal) नसीब नही हो पाया। इसके लिए केंद्र सरकार ने पैरेंट्स को बच्चों के लिए उपयुक्त भोजन खरीदने हेतु पैसा ट्रांसफर करने की योजना बनाई थी, जिसका उत्तराखंड सरकार (Uttarakhand Government) ने तेजी से क्रियान्वयन किया है। लॉकडाउन के पांच महीनों में राज्य सरकार ने करीब 6 लाख बच्चों के लिए भोजन की सुविधा हेतु करीब 39 करोड की राशि खर्च की है।

लॉकडाउन में पिछले 5 महीनों के दौरान उत्तराखंड सरकार ने 6 लाख से ज्यादा बच्चों के भोजन के प्रबंध के लिए 39 करोड़ रुपए खर्च किए। इसमें से 19.9 करोड़ रुपए डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर से बच्चों के खातों में जमा कराए तथा शेष 19 करोड़ रुपए बच्चों के भोजन के प्रबंध के लिए अभिभावकों को वितरित किए। शिक्षा सचिव डॉ. आर मीनाक्षी सुंदरम के अनुसार लॉक़ाउन में स्कूलें बंद थी, लेकिन बच्चों के हिस्से का भोजन का प्रबंध करना भी जरूरी था, इसके लिए शिक्षा विभाग ने डीबीटी औऱ खाते मे ट्रांसफर के दोनों विकल्प चुने। इसके लिए 13 जिलों में सर्वे के आधार पर 19.9 करोड़ रुपए डीबीटी से 1.55 लाख बच्चों के खाते में ट्रांसफर किया गया। शेष बचे करीब 5 लाख बच्चों तक भोजन का प्रबंध कराने के लिए 19.74 करोड़ रुपए 5 महीनों के हिसाब से उनके पैरेंट्स के खातों में वितरित किए गए। डॉ. सुंदरम के अनुसार इस पहल से खासकर दुर्गम क्षेत्रो में ड्रॉपआउट में कमी आएगी।

उत्तराखंड में 16 हजार से ज्यादा स्कूलें हैं जहां आठवीं तक के करीब साढ़े 6 लाख बच्चों को मिड डे मील योजना के तहत लाभ दिया जा रहा है। लेकिन कोविड के कारण लॉकडाउन में बच्चों के लिए बड़ी समस्या खडी हो गई थी। केंद्र के मानकों के अनुसार प्राइमरी लेवल तक एक बच्चे के भोजन पर 114 रुपए तथा अपर प्राइमरी लेवल पर 171 रुपए का खर्च आया। इसके अलावा हर महीने 23 दिनों के लिए 2.3 किलो चावल भी उपलब्धता सुनिश्चित कराई गई।

कोरोना काल में मिड डे मील के प3भावी क्रियान्वयन के लिए उत्तराखड सरकार और अधिकारियों की केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने भी तारीफ की है। निशंक ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि यह हर्ष का विषय है कि उत्तराखंड ने इस दिशा में अच्छा काम किया है, इससे ड्रॉपआउट में कमी आएगी।

सीएम त्रिवेंद्र ने भी केंद्र सरकार का धन्यवाद करते हुए इसे एक बड़ी उपलब्धि बताया है।

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