2024-05-03

रैबार डेस्क: भारी बरसात से उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में जनजीवन अस्तव्यस्त है। गढ़वाल से लेकर कुमाऊं तक जगह जगह भूस्खलन से सड़कें बंद (heavy rain landslide road river lavel rise) हुई हैं। इससे जरूरी वस्तुओं की सप्लाई भी प्रभावित हुई है। वहीं सभी प्रमुख नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी लोगों को डरा रही है।

गुरुवार से हो रही तेज बारिश के बाद नदियों का जलस्तर खौफ पैदा कर रहा है। गढ़वाल में पिंडर, मंदाकिनी, अलकनन्दा व गंगा नदियां उफान ओर हैं। कर्णप्रयाग, रुद्रप्रयाग, श्रीनगर देवप्रयाग में लोगों को तटीय क्षेत्रों से दूर रहने की सलाह दी गई है। कुमाऊं में भी मूसलाधार बारिश से नदियों का जलस्तर काफी बढ़ गया है। मूसलाधार बारिश से गोरी और काली नदी उफान पर हैं। मुनस्यारी-जौलजीबी सड़क में बंगापनी के पास गोरी नदी सड़क तक पहुंच गई है।


नैनीताल, लोहाघाट में भी कल रात से रुक रुक कर मूसलाधार बारिश से जनजीवन अस्तव्यस्त है। बारिश और भूस्खलन से कई मार्ग बंद हो गए हैं। पिथौरागढ़-घाट नेशनल हाइवे चार दिन से बंद है। हालांकि शाम तक कुछ हिस्सा खोल दिया गया है। लेकिन तवाघाट मार्ग अभी भी बंद है।

बद्रीनाथ हाइवे भी कई जगह भूस्खलन से बाधित हो गया है। कर्णप्रयाग में रात से बारिश हो रही है। थराली में गुरुवार की रात्रि से शुरू मूसलाधार बारिश शुक्रवार सुबह भी जारी है। भारी बारिश से कई स्थानो पर भूस्खलन की खबर है। मलबा आने के कारण कई सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं। सड़कों में जलभराव से आवाजाही बंद है।

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