अधर में लटका उच्च शिक्षा के अस्थायी प्राध्यापकों का भविष्य, निदेशक को सौंपा ज्ञापन, प्रदर्शन की चेतावनी

रैबार डेस्क : एक तरफ उत्तराखंड सरकार दावे कर रही है कि विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में नियमित शिक्षकों की हरसंभव तैनाती के प्रयास हो रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ उच्च शिक्षा विभाग में प्रभावित हुए सैकड़ों अस्थाई शिक्षकों का भविष्य अंधकार में जा रहा है। सुरक्षित भविष्य और अतिशीघ्र समायोजन की मांग को लेकर उच्च शिक्षा के अस्थाई शिक्षकों ने निदेशक को ज्ञापन सौंपा है।
बुधवार को उच्च शिक्षा विभाग उत्तराखंड के प्रभावित अस्थायी प्राध्यापकों का प्रतिनिधिमंडल, उच्च शिक्षा निदेशालय हल्द्वानी (नैनीताल) में निदेशक से मिला और प्रभावित हुए अस्थायी शिक्षकों का अतिशीघ्र समायोजन करने सुरक्षित भविष्य का भरोसा दिलाने की मांग की। गेस्ट टीचर्स ने निदेशक से कहा कि जिन विषयों में पद रिक्त हैं उन विषयों पर पूर्व की भांति प्रभावित हुए नितांत अस्थायी प्राध्यापकों को समायोजित और जो पूर्व में समायोजन की व्यवस्था चल रही है उसके अनुसार समायोजन किया जाए।
निदेशालय की ओऱ से गेस्ट टीचर्स को आश्वासन दिया गया है कि करीब 120 प्रभावित अस्थायी प्राध्यापकों को समायोजित करने हेतु उच्च स्तर पर वार्ता चल रही है जैसे ही उच्च स्तर से कुछ निर्देशन प्राप्त होते है सभी को महाविद्यालय आवंटित कर दिए जाएंगे।
बता दें कि राज्य के डिग्री कॉलेजों में लेकचरार और प्रोफेसर की तैनाती होते ही वर्षों से यहां पढ़ा रहे अस्थाई अतिथि प्राध्यापकों को प्रभावित होना पड़ता है। इनमें से कुछ की सेवा 10 साल से ऊपर हो चुकी है। एक बार प्रभावित होने के बाद करीब 10 महीनों से वे खाली बैठे हैं। जिससे उन पर परिवार के खर्चे का बोझ बढ़ता जा रहा है। कई गेस्ट टीचर्स शारीरिक परेशानियों के बावजूद समायोजित नहीं किए जा सके हैं। अतिथि प्राध्यापकों ने साफ कहा है कि विभाग हमें समायोजित करने हेतु लगातर अश्वाशन दे रहा है, लेकिन कार्यवाही नहीं कर रहा है। यदि जल्द ही समायोजन नहीं होता है तो हमें प्रदर्शन हेतु मजबूर होना पड़ेगा, जिसमें समस्त जिम्मेदारी उच्च शिक्षा विभाग की होगी l