पहाड़ की कीवी क्वीन: इस महिला के जज्बे को सलाम, कीवी उत्पादन से जगाई स्वरोजगार क्रांति
टिहरी: उत्तराखंड मे कोरोना ने तरक्की के नए अवसर पैदा किए हैं। लोगों का ध्यान अब अपने बंजर खेतों को आबाद करने, और अपनी माटी में मेहनत करके स्वरोजगार अपनाने पर है। सरकार भी विभिन्न योजनाओं के जरिए सपोर्ट कर रही है। लेकिन पहाड़ की दुjर्गम परिस्थितियों में कई ऐसी कर्मठ महिलाएं हैं जिन्होंने स्वरोजगार का एक आदर्श मॉडल तैयार किया। ऐसी ही एक मेहनतकश महिला हैं टिहरी के दुवाकोटी गांव की सीता देवी चौहान। जिन्होंने कीवी की खेती से न सिर्फ आजीविका में सुधार किया बल्कि उन्हें लोग अब कीवी क्वीन के नाम से जानने लगे हैं। सीता देवी की मेहनत को डीएम मंगेश घिल्डियाल ने भी सलाम किया है।
पहाड़ में परंपरागत खेती के इतर बागवानी औऱ नकदी फसलों में अच्छा स्कोप दिख रहा है। इसी सोच के साथ सीता देवी ने पारंपरिक फसलों से हटकर विदेशी फल कीवी की पैदावार शुरू की। सीत देवी पांरपिरक फसलों और सब्जियों क खेती को जंगली जानवरों औऱ मौसम की मार से हो रहे नुकसान से तंग आ चुकी थी। इस बीच उन्होंने उद्यान विभाग की कीवी प्रोत्साहन योजना के बारे में जानकारी जुटाई। सबसे खास बात ये है कि इस फसल को बंदर नुकसान नही पहुंचाते। बस फिर क्या था, सीता देवी ने बगैर देरी के विभाग से संपर्क किया और कीवी की खेती की जानकारी ली। हिमाचल जाकर ट्रेनिंग भी ली और घर लौटकर अपने खेतों में कीवी का बगीचा तैयार कर लिया।
गांव के लोगों ने सीता देवी का इस पहल को गंभीरता से नहीं लिया, लोग उनका मजाक भी उड़ाते थे। लेकिन सीता का विश्वास अडिग रहा। लगातार मेहनत की औऱ पिछेल साल अपने बगीचे में एक कुंतल कीवी का उत्पादन कर डाला।
अच्छी बात ये रही कि उनके उत्पादन को टिहीर जिले में ही बाजार मिल गया औऱ पूरी खपत हो गई। इससे उत्साहिचत सीता देवी इस काम को आगे बढ़ाया, दूसरे साल भी उन्होंने कीवी के 35 पौधे रोपे हैं। उनका अनुमान है कि इस बार एक कुंतल से ज्यादा कीवी उत्पादन हो सकता है। अक्टूबर-नवंबर तक यह फसल तैयार हो जाएगी। सीता देवी की मेहनत को देखते हुए डीएम मंगेश घिल्डियाल बी खासे प्रभावित हुए और 9 जुलाई को उन्होंने दुवाकोटी गांव पहुंचकर सीता देवी के कीवी बगीचे का निरीक्षण भी किया। इस दौरान डीएम मंगेश ने उन्हें सलाह दी कि शहद उत्पादन और फूलों की खेत की तरफ भी ध्यान दिया जा सकता है।
सीता देवी के प्रयासों को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के मीडिया रमेश भट्ट ने भी सराहा है। रमेश भट्ट आजकल प्रदेशभर में स्वरोजगार यात्रा कर रहे हैं, जिसमें स्वरोजगार के लिए विभिन्न क्षेत्रों कार्य कर रहे लोगों को प्रोत्साहित कर रहे हैं। रमेश भट्ट का कहना है कि कोरोना के बाद आज के दौर में इसकी काफी जरूरत है। लोगों को आधुनिक खेती करने की ओर रुख करना चाहिए। पहाड़ की जलवायु कीवी के लिए एकदम मुफीद है। सबसे बड़ी बात है कि कीवी की फसल को बंदरों, सुअरों और अन्य जानवरों से खतरा नहीं है। इसमें बहुत ज्यादा देखभाल नहीं करनी पड़ती, बस पर्याप्त सिंचाई का ध्यान रखना होता है। और इसकी बाजार में अच्छी कीमत भी मिल जाती है। लिहाजा पहाड़ के कई कास्तकार कीवी उत्पादन से आत्मनिर्भर बन सकते हैं।
कीवी क्वीन सीता देवी का कहना है कि अब दुवाकोटी समेत आसपास के गावों के कई लोग कीवी उत्पादन के लिए प्रेरित हो रहे हैं। स्वरोजगार की प्रेरणा बनी सीता देवी के जज्बे को उत्तराखंड रैबार सलाम करता है।