2024-05-03

PM मोदी ने की केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्यों की समीक्षा, मास्टर प्लान से बनाएं स्मार्ट स्प्रिचुअल बद्रीनाथ धाम: PM

देहरादून :  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए केदारनाथ धाम में चल रहे पुननिर्माण कार्यों (Kedarnath reconstruction) की समीक्षा की। इस दौरान पीएम मोदी के सामने बद्रीनाथ धाम के मास्टर प्लान  (Badrinath Master Plan) का प्रजेंटेशन भी दिखाया गया। बद्रीनाथ धाम को लेकर भी प्रधानमंत्री ने महत्वपूर्ण निर्देश राज्य सरकार को दिए हैं। 2013 की भीषण आपदा में ध्वस्त हुई कतेदारपुरी का पुनर्निर्माण का प्रोजेक्ट पीएम मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है। पीएम इसकी समय समय पर समीक्षा करते हैं।

केदारधाम में ये काम पूरे

इस अवसर पर मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने प्रधानमंत्री को केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि शंकराचार्य समाधि स्थल का काम तेजी से चल रहा है। सरस्वती घाट पर आस्था पथ का काम पूरा हो गया है। दो ध्यान गुफाओं का काम इस माह के अंत तक पूर्ण हो जाएगा। ब्रह्म कमल की नर्सरी के लिए स्थान चिन्हित कर लिया गया है। नर्सरी के लिए बीज एकत्रीकरण का कार्य किया जा रहा है। ब्रिज का पुनर्निर्माण कर लिया गया है।

बद्रीनाथ धाम के मास्टरप्लान में ये बातें

नई केदारपुरी की तर्ज पर नई बद्रीशपुरी का मास्टर प्लान भी प्रधानमंत्री के सामने रखा गया यह मास्टर प्लान भी प्रधानमंत्री के निर्देश पर ही तैयार किया गया है। तकरीबन 400 करोड़ के इस मास्टर प्लान में बद्रीनाथ धाम की सड़कों के चौड़ीकरण और सौंदयीकरण का प्रस्ताव है।

प्रधानमंत्री ने निर्देश दिये कि श्री बद्रीनाथ धाम के मास्टर प्लान में इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि वहां का पौराणिक और आध्यात्मिक महत्व बना रहे। इसे मिनी स्मार्ट, स्पिरीचुअल सिटी के रूप में विकसित किया जाए। होम स्टे भी विकसित जा सकते हैं। निकटवर्ती अन्य आध्यात्मिक स्थलों को भी इससे जोङा जाए। बद्रीनाथ धाम के प्रवेश स्थल पर विशेष लाइटिंग की व्यवस्था हो जो आध्यात्मिक वातावरण के अनुरूप हो।

बद्रीनाथ धाम के मास्टर प्लान में बताया गया कि इसमें 85 हैक्टेयर क्षेत्र लिया गया है। देवदर्शनी स्थल विकसित किया जाएगा। एक संग्रहालय व आर्ट गैलेरी भी बनाई जाएगी। दृश्य एवं श्रव्य माध्यम से भगवान विष्णु के दशावतार के बारे में जानकारी दी जाएगी। बद्रीनाथ मास्टर प्लान को 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। मास्टर प्लान को पर्वतीय परिवेश के अनुकूल बनाया गया है।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत (Trivendra Singh Rawat) ने कहा कि बद्रीनाथ धाम व केदारनाथ धाम के विकास कार्यों में स्थानीय लोगों का सहयोग मिल रहा है। केदारनाथ के निकटवर्ती गांवों में होम स्टे पर काम किया जा रहा है। बद्रीनाथ में सरस्वती व अलकनंदा के संगम स्थल केशवप्रयाग को भी विकसित किया जा सकता है। बद्रीनाथ धाम में व्यास व गणेश गुफा का विशेष महत्व है। इनके पौराणिक महत्व की जानकारी भी श्रद्धालुओं तक पहुंचेगी। बद्रीनाथ धाम के मास्टर प्लान पर काम करने में भूमि की समस्या नहीं होगी। केदारनाथ की तरह बद्रीनाथ में भी 12 महीने कार्य किए जाएंगे।

इस अवसर पर पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज (Satpal Maharaj) ने कहा कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना और चारधाम राजमार्ग परियोजना पर तेजी से काम चल रहा है। इससे चारधाम आने वाले श्रद्धालुओं को काफी सुविधा मिलेगी।

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