तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ के कपाट बंद, शीतकाल में मक्कूमठ में विश्राम करेगी तुंगनाथ जी की डोली
रुद्रप्रयाग: तृतीय केदार (kedarnath)भगवान तुंगनाथ (Tung Nath) के कपाट आज शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। सुबह 11.30 बजे विधि विधान के साथ पूजा अर्चना के बाद भगवान तुंगनाथ की डोली मक्कूमठ के लिए रवाना हुई। इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।
बुधवार को पूजा-अर्चना से पहले पहले बाबा तुंगनाथ के शिवलिंग की समाधि पूजा संपन्न हुई। उसके बाद शीतकाल के लिए कपाट बंद कर दिए गये। कपाट बंद होने के बाद पहले दिन बाबा की उत्सव डोली अपने पहले पड़ाव बनियाकुंड के लिए रवाना हुई। आज यह डोली बनियाकुंड स्थित काली कमील धर्मशाला में विश्राम करेगी। दूसरे दिन भगवान तुंगनाथ की डोली भानकुन में एख गुफा में विश्राम करेगी। यात्रा के अंतिम पड़ाव में तुंगनाथ जी की डोली अपने शीतकालीन प्रवास मक्कूमठ पहुंचेगी, जहां मार्कंडेय मंदिर में डोली 6 महीने विराजमान रहेगी। शीतकाल में तुंगनाथ की पूजा मक्कूमठ में ही होगी।
तुंगनाथ के कपाट बंद होने के अवसर पर मठाधिपति रामप्रसाद मैठाणी, पुजारी रविंद्र मैठाणी, सतीश मैठाणी, मंदिर प्रबंधक प्रकाश पुरोहित, सहायक प्रबंधक विक्रम रावत संदीप, जगमोहन आदि मौजूद रहे।
शीतकाल के लिए चारों धाम के कपाट बंद करने की तिथियां तय कर दी गई हैं। गंगोत्री धाम के कपाट 15 नवंबर, यमुनोत्री व केदारनाथ धाम के कपाट 16 नवंबर और बदरीनाथ धाम के कपाट 19 नवंबर को बंद किए जाएंगे। इसके अलावा भविष्य बदरी व द्वितीय केदार मध्यमेश्वर धाम के कपाट भी 19 नवंबर को बंद होंगे।