राज्य स्थापना दिवस: CM बोले आंदोलनकारियों के सपनों को साकार कर रही सरकार
देहरादून : उत्तराखंड राज्य स्थापना (Uttarakhand Statehood Day) दिवस प्रदेशभर में धूमधाम से मनाया जा रहा है। सीएम त्रिवेंद्र आज गैरसैंण में पहली बार आयोजित हो रहे राज्य स्थापना दिवस परेड की सलामी से रहे हैं। इधर देहरादू के पुलिस लाइन में मुख्य परेड आयोजित की गई। जिसमें मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत औऱ राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने शिरकत की। इससे पहले सीएम त्रिवेंद्र ने कचहरी में उत्तराखंड आदोलन के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस दौरान राज्यपाल ने विशिष्ट सेवाओं के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक प्राप्त 06 पुलिस अधिकारियों और राष्ट्रपति के जीवन रक्षा पदक से सम्मानित दो पुलिस कार्मिकों को अलंकृत भी किया। समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल श्रीमती बेबी रानी मौर्य ने उपस्थित जन समूह को राज्य स्थापना दिवस की शुभकामनाएं दी। अपने संबोधन में राज्यपाल ने कहा कि कानून-व्यवस्था और शांति की स्थापना में उत्तराखण्ड पुलिस अच्छा कार्य कर रही है। कोविड महामारी के समय में भी पुलिस ने अग्रिम मोर्चे पर रहकर जनता की सहायता की है। कर्तव्य निवर्हन करते हुए लगभग 1600 पुलिस अधिकारी/कर्मचारी कोविड बीमारी से संक्रमित हुए। लेकिन इसके बाद भी हमारी पुलिस, डाक्टर्स, नर्सेज और सभी कर्मचारी अपने कर्त्तव्य का पालन कर रहे हैं। उत्तराखण्ड निर्माण में महिलाओं का बहुत बड़ा योगदान रहा है। हमें महिलाओं के समग्र कल्याण एवं सशक्तीकरण हेतु हर संभव कदम उठाने होंगे।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने संबोधन में 21वें राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर राज्य निर्माण के सभी ज्ञात अज्ञात शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए सभी प्रदेशवासियों को राज्य स्थापना दिवस की शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड आज 20 वर्ष पूर्ण कर रहा है। राज्य निर्माण के बाद अन्य राज्यों की तुलना में राज्य की विकास की गति तीव्र हुई है। हमारा प्रदेश शिक्षा, स्वास्थ्य, अवस्थापना विकास, नारी उत्थान आदि के क्षेत्र में निरंतर आगे बढ़ रहा है। राज्य ने एक अच्छी दिशा पकड़ी है।
मुख्यमंत्री ने मातृशक्ति को नमन करते हुए कहा कि राज्य के आंदोलन में महिलाओं ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभायी है। प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों में पर्वतीय क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था महिलाओं पर ही निर्भर करती हैं। प्रदेश सरकार ने महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से महिलाओं को खेती के कार्य से अलग आगे बढ़ाने का कार्य किया है। आज राज्य में 30 हजार महिला स्वयं सहायता समूह हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं की आर्थिक स्थिति की मजबूती के लिये महिला स्वयं सहायता समूहों को 05 लाख तक बिना ब्याज के ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि किसानों के लिए पहले 2 लाख तक का ब्याजमुक्त ऋण दिया जा रहा था जिसे अब बढ़ाकर 3 लाख रूपए किया जा रहा है। राज्य के विकास का मानक ग्रामीण अर्थव्यवस्था एवं शहरी अर्थव्यवस्था के अन्तर को कम करके आँका जाना चाहिए।