2024-04-26

सड़क पर ही कर दी धान की रोपाई, लेकिन क्यों? पढ़िए बदहाल सड़क की कहानी

पौड़ी (यमकेश्वर): पहाड़ों में धान की रोपाई का सीजन लगभग खत्म हो चुका है। लेकिन इन तस्वीरों में आपको कुछ लोग अभी भी धान की रोपाई करते नजर आ जाएंगे। रोपाई के दृश्य वाले ये कोई धान के खेत नहीं, बल्कि पौड़ी गढ़वाल के यमकेश्वर ब्लॉक को राज्य की राजधानी देहरादून को जोड़ने वाली मुख्य सड़क की हालत है। सड़क की बदहाली को लेकर स्थानीय लोगों ने कई बार आवाज उठाई लेकिन सुनवाई नही हुआ। आकिकार लोगों कने विरोध जताने क अनोखा तरीका निकाला और सड़क पर ही धान की रोपाई शुरू कर दी।

इन तस्वीरों में इस सड़क पर जगह जगह बड़े बडे गड्ढे साफ देखे जा सकत हैं, जिन पर बरसात के कारण पानी भरा हुआ है। ऐसे में यहां पर वाहन से जाना खतर से खाली नहीं है। पानी भरन से ये सड़क किसी खेत की तरह नजर आ रही है। इसीलिए विरोध जताते हुए स्थानीय लोगों ने इस सड़क पर धान की रोपाई शुरू की। यमकेश्वर ब्लॉक की ये सड़क ब्लॉक मुख्यालय को न्याय पंचायत नीलकंठ ‘नौगांव’ गैंडखाल’ व किमसार के सैकडों गांवों को जोडने के साथ साथ ऋषिकेश-देहरादून को जोड़ती है।

क्षेत्र पंचायत सदस्य जुलेडी हरदीप कैंतुरा ने बताया आज सड़क की दुर्दशा इस कदर हो गयी कि कोई भी उच्च अधिकारी व जन प्रतिनिधि जान जोखिम मे डालकर इस सडक पर चलने से कतराते हैं। वहीं स्थानीय निवासी व कनिष्ठ प्रमुख यमकेश्वर बिजय पाल सिंह नेगी ने बताया कि हम लोग काफी लंम्बे समय से इस सडक के डामरीकरण की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार की अनदेखी के चलते आज यमकेश्वर ब्लॉक की ये सड़क पगडंडी बनकर रह गयी।

क्षेत्र की प्रमुख सडक की अनदेखी के चलते आयमकेश्वर ब्लॉक के क्षेत्र पंचायत सदस्यों ने झील का रुप ले चुकी सडक पर धान रोपाई करते हुये सरकार का ध्यान इस ओर आकर्षित करने का प्रयास किया। क्षेत्र पंचायत सदस्य कोठार गीता पयाल, क्षेत्र पंचायत सदस्य मराल शशि बाला, क्षेत्र पंचायत सदस्य कांडी यशोदा, क्षेत्र पंचायत सदस्य गंगा भेगपुर विमल नेगी, क्षेत्र पंचायत सदस्य बुकंडी मीनाक्षी देवी ,सामाजिक कार्य कर्ता उपेंद्र पयाल, पंकज राणा ,होशियार सिंह ,अश्वनी शर्मा, विमल धमांदा समेत क्षेत्र के सैकडों नागरिकों ने ब्लॉक मुख्यालय पहुंचकर सरकार से इस महत्व पूर्ण सडक के शीघ्र डामरीकरण की मांग की है। क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों का कहना है कि अगर सरकार इस सड़क की मरम्मत शीग्र नही करवाती तो लोगों को उग्र आंदोलन करना होगा। स्थानीय लोग श्रमदान के लिए भी तैयार हैं। उम्मीद है कि स्थानीय लोगों की परेशानी को देखते हुए, शासन, प्रशासन और जनप्रतिनिधि जल्द ही इस सड़क मार्ग की सुध लेंगे।

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