गढ़वाल से कुमाऊं तक बारिश से आफत, उत्तरकाशी, टिहरी में बादल फटा, रानीबाग पुल का हिस्सा टूटा
रैबार डेस्क: दो दिनों से भारी बारिश के चलते गढ़वाल से लेकर कुमाऊं (rain and cloudburst in uttarakhand) तक जनजीवन अस्तव्यस्त है। उत्तरकाशी और टिहरी जिले में बादल फटने से 3 लोगों की मौत हुई है, कई घरों को नुकसान पहुंचा है। मलबा आने के कारण बद्रीनाथ हाइवे (NH58) भी बंद हो गया है। उधर कुमाऊं का प्रसिद्ध रानीबाग पुल का पुस्ता भी क्षतिग्रस्त हो गया है जिससे आवजाही में दिक्कतें हो रही हैं।
रविवार देर रात उत्तरक़ाशी के मांडो और निराकोट में बादल फटने के कारण गदेरे उफान पर आ गए। जिस कारण सबसे ज्यादा नुकसान मांडो गांव में हुआ है। जहां पर 15 से 20 घरों में मलबा घुस गया है. वहीं, 4 से 5 मकान जमींदोज को हो गए हैं। मांडो गांव में NDRF और SDRF रेस्क्यू टीम ने दो महिलाओं और एक बच्ची का शव बरामद कर लिया है। इसके साथ चार घायल मजदूरों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
वहीं टिहरी जिले के घनसाली के ग्राम मेड (बालगंगा) में बादल फटने से लोगों में भय का माहौल है। हालांकि, यहां जानमाल के नुकसान की कोई सूचना नही है। लेकिन कुछ घरों में मालबा घुस गया है। स्थानीय लोगो के अनुसार आज सुबह 4 बजे बादल फटने की घटना हुई है। जिसके बाद से ही स्थानीय लोग डरे हुए है। ऋषिकेश बद्रीनाथ हाइवे भारी मलबा आने के कारण तोताघाती के पास बंद हुआ है। मार्ग को खोलने के प्रयास जारी हैं।
कुमाऊं क्षेत्र में भी बारिश ने जमकर कहर बरपाया है। बारिश और भूस्खलन से टनकपुर-पूर्णागिरि, टनकपुर-पिथौरागढ़ मार्ग बंद हैं। बागेश्वर जिले में सात सड़कों पर यातायात बाधित होने से लोगों को काफी दिक्कतें हुई।
नैनीताल जिले में सोमवार तड़के हल्द्वानी-भीमताल रोड पर रानीबाग ब्रिज की रिटेनिंग वाल भरभरा कर गिर गई, जिससे यातायात बाधित रहा। भीमताल में पर्यटकों के वाहनों की भीड़ देखते हुए प्रशासन ने सड़क पर आवागमन रोक दिया है और आने वाले सभी वाहनों को ज्योलीकोट की तरफ डायवर्ट किया है।