डीजे बंद कराने को लेकर कैंप संचालकों ने किया जानलेवा हमला, उत्तराखंड के युवा की हत्या, 3 घायल
रैबार डेस्क: उत्तराखंड में स्वरोजगार करने वाले अपने ही घर में सुरक्षित नहीं हैं। आजीविका के लिए युवा दिन रात मेहनत कर रहे हैं और बाहरी लोग मामूली विवाद पर उनकी हत्या कर फरार हो जाते हैं। मामला यमकेश्वर के घट्टूगाड क्षेत्र का है। यहां एकलव्य नाइट कैंप के संचालकों ने मामूली सी बात पर पड़ोस के ओडिसी कैंप पर जानलेवा हमला कर दिया। (1 youth killed 3 injured in camp fight in yamkeshwar) इस घटना में ओडिसी कैंप के शेफ की मौत हो गई जबकि 3 स्थानीय युवा बुरी तरह घायल हैं। फिलहाल पुलिस ने मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित कर दी है और एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। तीन आरोपी अभी भी फरार हैं।
ये पूरा वाकया लक्ष्मणझूला थाना क्षेत्र का है। जानकारी के अनुसार यमकेश्वर के घट्टूगाड क्षेत्र में नाइट कैंपिंग होती हैं। यहां उत्तराखंड के युवा शिवालिक ओडिसी नाम का कैंप चलाते थे। इस कैंप में उत्तराखंड के युवा मुकेश राणा. मनोज राणा. देवेश सिंह औऱ शेफ यशपाल नेगी काम करते हैं। इसी कैंप के पड़ोस में गाजियाबाद औऱ हरियाणा के लोगों द्वारा एकलव्य कैंप संचालित हो रहा था। रात 10 बजे प्रशासन के आदेशानुसार ओडिसी कैंप ने डीजे बंद कर दिया और एकलव्य कैंप से भी डीजे बंद करने को कहा। बस इतनी सी बात पर एकलव्य कैंप के लोग भड़क गए और उन्होंने ओडिसी कैंप का संचालन कर रहे स्थानीय लोगों पर चाकुओं और धारदार हथियारों से जानलेवा हमला कर दिया। हमले में ओडिसी कैंप का शेफ यशपाल नेगी, निवासी माला गांव, यमकेश्वर को गंभीर चोटें आई और अस्पताल ले जाते वक्त उसकी मौत हो गई। इस हमले में कैंप मालिक और दो अन्य स्थानीय युवा बुरी तरह घायल हो गए।
इस वारदात को अंजाम देने के बाद 3 आरोपी फरार हैं। पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। घटना की जांच और आरोपियों की धरपकड़ के लिए एसआईटी का गऑन कर दिया है। घायल युवाओं को ऋषिकेश अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस घटना से स्थानीय लोगों में आक्रोश है। यूकेडी नेता शांति प्रसाद भट्ट का कहना है कि पहाड़ियों के हक हकूकों पर बाहरी लोगों डाका डाल रहे हैं। अब तो अपने ही घर में उत्तराखंड का युवा सुरक्षित नहीं है। बाहरी लोग यहां का न सिर्फ माहौल खराब कर रहे हैं बल्कि उनके लिए खतरा भी बन गए हैं। भट्ट ने आरोपियों की गिरफ्तारी के साथ प्रशासन से स्थानीय लोगों की सुरक्षा और हकों की रक्षा की मांग की है।