2024-04-25

उपलब्धि: आसन वेटलैंड को रामसर साइट की मान्यता मिली, देश का पहला कंजरवेशन रिजर्व है आसन वेटलैंड

Asan Conservation wetland in Ramsar Site

Asan Conservation wetland in Ramsar Site

रामसर साइट में शामिल हुआ आसन वेटलैंड। देश का पहला कंजर्वेशन रिजर्व है आसन। रामसर साइट वेटलैंड के संरक्षण के लिए करती है काम। आसन में पर्यटन बढ़ने की उम्मीद जगी

देहरादून:  देहरादून में स्थित देश के पहले कंजर्वेशन रिजर्व आसन वेटलैंड (Asan Wetland) को रामसर कन्वेंशन (Ramsar Convention) साइट की सूची में शामिल किया गया है। रामसर साइट पर जगह पाने वाला आसन वेटलैंड (नम भूमि क्षेत्र) भारत का 38वां वेटलैंड है। रामसर कन्वेंशन की ओर से आसन वेटलैंड को अंतरराष्ट्रीय महत्व का स्थान घोषित किया गया है जिससे राज्य में पर्यटन को नए पंख लगेंगे।

वन विभाग के अनुसार आसन वेटलैंड को 2011 से ही रामसर सूची में लाने के प्रयास किए जा रहे थे। लेकिन जरूरी प्रक्रयाओं के बाद अब जाकर आसन वेटलैंड इस सूची में जगह बना पाया है। यह उत्तराखंड के पर्यटन के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है। खासतौर से पक्षी प्रेमियों के लिए आसन वेटलैंड एक पसंदीदा डेस्टिनेशन के रूप मे उभर सकता है।

 रामसर की ओर से आसन वेटलैंड को रामसर साइट की सूची में शामिल करने का प्रमाणपत्र जारी किया गया है।

आसन वेटलैंड के रामसर सूची में शामिल होना वेटलैंड के  संरक्षण के लिए विश्वस्तरीय प्रयास है। इससे आसन वेटलैंड अंतरराष्ट्रीय नक्शे पर आ गया है। अब उत्तराखंड में प्रवासी परिंदों का संरक्षण और बेहतर हो सकेगा। साथ ही उत्तराखंड में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।

क्या है रामसर साइट

रामसर कन्वेंशन दुनिया के कई देशों के बीच एक अंतरराष्ट्रीय संधि का नतीजा है। इस संधि को ईरान के रामसर शहर में 1971 में साइन किया गया था। रामसर कन्वेंशन वेटलैंड व पक्षियों के प्राकृतिक आवास से संबंधित है। यह बॉडी वेटलैंड के संरक्षण के लिए काम करती है। रामसर कन्वेंशन के तहत दुनियाभर के रिजर्व कंजरेवशन को मान्यता देकर उनके संरक्षण के लिए कदम उठाए जाते हैं।

केंद्रीय पर्यावरण मंत्री नेजताई खुशी

केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इस उपलब्धि पर खुशू जताई है। जावड़ेकर ने ट्वीट किया है कि आसन वेटलैंड का रामसन साइट में शामिल होना बड़ी उपलब्धि है। इस तरह रामसर साइट की मान्यता पाने वाला आसन वेटलैंड देश का 38वां वेटलैंड बन गया है।

आसन कंजर्वेशन रिजर्व

आसन नम भूमि क्षेत्र एक कंजरवेशन रिजर्व है जो चकराता वन प्रभाग के तहत आता है। यह 444.40 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला हुआ है। चकराता और पोंटा साहिब के बीत पसरा यह वेटलैंड आसन बैराज के नजदीक है। यहां हर साल सर्दी के मौसम में 10 हजार के करीब देशी-विदेशी पक्षी आते हैं। आजकल विदेशी पक्षियों की करीब 40 से 50 प्रजातियां यहां देखी जा सकती हैं। इसके अलावा 100 से ज्यादा देशी प्रजातियों के पक्षी भी यहा विचरण करते हैं।

रामसर साइट से मान्यता मिलने के बाद आसन कंजर्वेशन विश्वव पटल पर भरेगा। उत्तराखंड सरकार के पर्यटन को बढ़ावा देने के प्रयासों को गति मिलेगी। बर्ड वाचिंग के शौकीनों के लिए यह एक आदर्श डेस्टिनेशन साबित होगा। दुनिया भर के पक्षी प्रेमी पक्षियों पर रिसर्च करने यहां आएंगे जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।  

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