सीएम ने किया कुंभ कार्यों का निरीक्षण, बेदाग होगा हरिद्वार कुंभ: CM
हरिद्वार: मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत (Trivendra Singh Rawat) ने रविवार को हरिद्वार महाकुंभ (Haridwar Mahakumbh) से सम्बंधित प्रोजेक्ट का निरीक्षण किया और कुंभ की तैयारियों को अंतिम रूप से परखा। सीएम ने कहा कि हरिद्वार कुंभ पूरी तरह से ’बेदाग’ होगा। देश और दुनिया से जो श्रद्धालु यहां आएंगे हमारी सरकार उनकी हर अपेक्षा और आशंका पर पूर्ण रूप से खरी उतरेगी।
इससे पहले मुख्यमंत्री ने लालतप्पड़ फ्लाईओवर के साथ ही कुंभ मेला क्षेत्र में विभिन्न निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि सभी कार्य सुव्यवस्थित तरीके से किये जा रहे हैं और अपूर्ण कार्यों को समय पर पूरे करने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं।
लालतप्पड़ फ्लाईओवर का निरीक्षण करते हुए CM ने 31 जनवरी तक फ्लाई ओवर का कार्य हर हाल में पूर्ण करने के निर्देश दिए। यह फ्लाईओवर देहरादून हरिद्वार के हाईवे पर स्थित है इसके के बनने से देहरादून हरिद्वार की दूरी और कम हो जाएगी। दूसरी सबसे महत्वपूर्ण बात लाल तप्पड़ इलाका एक तरह का एलीफेंट कॉरिडोर भी है क्योंकि अक्सर जब फ्लाईओवर नहीं था तो इस रास्ते सुबह और शाम एलीफेंट का मूवमेंट रहा करता है जिससे न सिर्फ वन्यजीवों बल्कि इंसानों की भी जान को खतरा रहा करता था। अब ऐसे में लालतप्पड़ फ्लाईओवर बनने से वन्यजीवों के लिए रास्ता भी सुरक्षित हो जाएगा और आने जाने वाले वाहनों के लिए भी सुरक्षित रहेगा।
इसके बाद सीएम ने खड़खड़ी स्थित सुखी नदी पुल, आस्था पथ, गौरीशंकर द्वीप, बैरागी कैम्प पुल, रानीपुर झाल पुल और चौधरी चरण सिंह घाट का भी निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों से विभिन्न निर्माण कार्यों में आ रही दिक्कतें और उनके पूरा होने से समय को लेकर जानकारी ली। उन्होंने सफाई व्यवस्था पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिये।
निरीक्षण के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि कुंभ मेला क्षेत्र में कुल 86 निर्माण कार्य स्वीकृत थे जिनमें से दो बाद में निरस्त किये गए थे। शेष 84 में से अधिकांश कार्य लगभग पूरे हो चुके हैं। सभी कार्य बढ़िया और व्यवस्थित तरीके से किए गए हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना का संक्रमण अभी खत्म नहीं हुआ है। कोरोना अब नए स्ट्रेन में संक्रमित हो रहा है। ऐसे में कुम्भ को दिव्य और भव्य के साथ सुरक्षित बनाना भी राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। इसके लिये केंद्र सरकार ने गाइडलाइन (एसओपी) जारी की है।