गैरसैंण के लिहाज से सुपर ईयर रहा 2020, सीएम त्रिवेंद्र ने दिए कई तोहफे
रैबार डेस्क: साल 2020 में भले ही दुनिया कोरोना महामारी से जूझती रही हो, लेकिन ये साल गैरसैंण (Summer Capital Gairsain) के दृष्टिकोण से भारी उपलब्धियों भरा रहा। गैरसैंण के वासियों के लिए इस बार की होली और दीवाली दोगुनी खुशियां लेकर आई। गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित करके मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत (Trivendra Singh Rawat) ने जनभावनाओं का सम्मान किया। साथ ही गैरसैंण के समग्र विकास के लिए 25 हजार करोड़ के पैकेज की घोषणा करके भविष्य के सुखद संकेत भी दे दिए।
जनभावनाओं का सम्मान
4 मार्च 2020 का दिन। गैरसैंण में बजट सत्र चल रहा था। कड़कड़ाती ठंड में विधायक अपने सवालों को लेकर तैयार थे। विपक्ष सरकार पर बजट सत्र होने को बैठा था। लेकिन सीएम त्रिवेंद्र खामोशी के साथ मन मे बहुत बड़ा संकल्प लिए थे। जैसे ही सीएम भाषण के लिए खड़े हुए, किसी बड़ी घोषणा का इंतजार था। लेकिन जैसे ही सीएम ने घोषणा की कि गैरसैंण सूबे की ग्रीष्मकालीन राजधानी होगी, पूरा विधानसभा भवन तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। इतिहास लिखा जा चुका था। अब तक राज्य का कोई भी सीएम इतनी बड़ी साहसिक घोषणा नहीं कर सका था। मगर त्रिवेंद्र ने मुमकिन कर दिखाया। गैरसैंण में पूरे हफ्ते जश्न का माहौल रहा। ढोल दमाऊ की धुन पर गुलाल उड़ने लगा। सीएम ने भी विधानसभा भवन में स्थानीय लोगों के साथ जमकर होली खेली।
गैरसैंण का फुलप्रूफ प्लान
गैरसैंण ग्रीष्म राजधानी घोषित हुई तो विरोधियों ने इसे महज राजनीतिक एजेंडा करार दिया। मगर त्रिवेंद्र जो ठानते हैं उसे अंजाम तक पहुंचाने का दम भी दिखाते हैं। आखिरकार जून 2020 में गैरसैंण के ग्रीष्म राजधान। बनने का नोटिफिकेशन भी जारी हो गया। त्रिवेंद्र की सोच पर यकीन की मुहर लगी।
गैरसैंण में तिरंगा फहराने वाले पहले CM
15 अगस्त 2020 को देश आजादी का जश्न मना रहा था। सीएम त्रिवेंद्र ने एक कदम आगे बढ़ते हुए गैरसैंण में यह खुशी बांटी। विधानसभा भवन में तिरंगा फहराते ही त्रिवेंद्र ऐसा करने वाले सूबे के पहले सीएम बन गए। इस बीच गैरसैंण के लिए विभिन्न विकास योजनाओं पर मंथन चलता रहा। ग्रीष्म राजधानी में आजादी के पर्व का जश्न डबल हो गया।
गैरसैंण के लिए 25 हजार करोड़ का पैकेज
9 नवंबर की तारीख उत्तराखंड के इतिहास में खास मायने रखती है। राज्य स्थापना दिवस का जश्न हर उत्तराखंडी जोर शोर से मनाता है। मगर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र अलग सोच के हैं। उनको पता था कि अगर गैरसैंण में लोगों के बीच जाकर स्थापना दिवस नहीं मनाया तो ग्रीष्म राजधानी का मतलब अधूरा रह जायेगा। इसलिए देहरादून में कार्यक्रम के बाद सीएम सीधे भराड़ीसैण जा पहुंचे। पहली बार कोई सीएम राज्य स्थापना दिवस पर गैरसैंण पहुंचा था। सीएम ने परेड की सलामी ली। लोगों का अभिवादन किया और गैरसैंण के विकास के लिए 25 हजार करोड़ के पैकेज की घोषणा कर दी इस पैकेज से अगले 10 साल में गैरसैंण में सभी तरह के बुनियादी विकास के काम होने हैं।
यह रकम हेल्थ, एजुकेशन, कनेक्टिविटी, बड़े संस्थानों की स्थापना, मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल, सड़क आदि के निर्माण पर खर्च होगी। सिंगल लेन सड़को को डबल लेन किया जाएगा, गैरसैंण समेत पहाड़ के इस महत्वपूर्ण इलाके की पेयजल और बिजली की समस्या भी खत्म हो जाएगी। गैरसैंण में तमाम विभागों के मुख्यालय बनेंगे तो उससे गैरसैंण का विकास चरम पर पहुँच जाएगा।
यानी भविष्य में गैरसैंण राजधानी बनाने का संकल्प भी त्रिवेंद्र की घोषणा में दिखता है।
अगले ही दिन 10 नवंबर को सीएम ने गैरसैंण में सचिवालय भवन का भी शिलान्यास किया। सीएम वीर चंद्र सिंह गढ़वाली की समाधि स्थल जाने वाले पहले मुख्यमंत्री बने। यानी गैरसैंण सिर्फ ग्रीष्म राजधानी तक सिमट कर नहीं रहेगा। भविष्य के गर्त में क्या है कोई नहीं जानता। मगर जितना काम गैरसैंण के लिए त्रिवेंद्र ने किया उतना किसी ने नहीं किया।
2020 में गैरसैंण में रही हलचल
4 मार्च 2020 को गैरसैंण ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित
9नवंबर 2020 को गैरसैंण के लिए ₹25 हजार करोड़ का पैकेज घोषित
गैरसैंण में बनेगा सचिवालय भवन
गैरसैंण-दिवालीखाल मोटर मार्ग होगा डबल लेन
गैरसैंण में झील निर्माण जारी
गैरसैंण में स्थापित होगा सेंटर ऑफ एक्सीलेंस
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