देखें वीडियो: देश का सबसे लंबा मोटरेबल झूला पुल तैयार, डोबरा चांठी पुल की ये खूबसूरती हर किसी का मन मोह लेगी
टिहरी: टिहरी
बांध बनने से प्रतापनगर क्षेत्र की करीब ढाई से तीन लाख की आबादी का मुख्यधारा से संपर्क कट गया था। लोगों को जिला मुख्यालय आने जाने मे बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ता था। लोग लंबे समय से पुल निर्माण की मांग कर रहे थे। कहते हैं कि इंतजार का फल मीठा होता है। 14 साल के इंतजार का यह फल मीठा जितना साबित हुआ उतनी ही खूबसूरत भी है। जी हां टिहरी झील के ऊपर देश का सबसे लंबा सिंगल लेन सस्पेंशन ब्रिज (Longest Single lane suspension bridge) डोबरा चांठी पुल
(Dobra Chanthi Bridge) बनकर तैयार हो गया है।
2006 से इस पुल ने उतार चढ़ाव के कई दौर देखे। बीच में निर्माण कार्य रुका भी। लेकिन वर्तमान सरकार ने इस पुल को प्राथमिकताओं में रखा, एकमुश्त बजट जारी किया और आज इंजीनियरों की मेहनत से 14 साल बाद यह पुल बनकर तैयार है।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंहरावत के मीडिया सलाहकार ने कुछ दिन पहले इस पुल का दौरा किया। उन्होंने इस पुल का एक खूबसूरत वीडियो फेसबुक पेज पर डाला है। इस वीडियो में खूबसूरत टिहरी झील का नजारा दिख रहा हैस तो ड्रोन से लिए गए डोबरा चांठी पुल के आकर्षक फुटेज भी लोगों का मन मोह रहे हैं। उत्तराखंड का ये शानदार ब्रिज दिल्ली के सिग्नेचर और कोलकाता के हावड़ा ब्रिज की तरह जगमगाएगा। आने वाले समय में यह पर्यटकों के आकर्षण का भी केंद्र बनेगा।
हम आपको इस पुल की खासियत के बारे में विस्तार से बताएंगे, लेकिन फिलहाल आप ये खूबसूरत वीडियो देखिए।
डोबरा चांठी पुल की खासियत
डोबरा चांठी पुल देश का सबसे लंबा सिंगल लेन मोटरेबल झूला पुल है।यह टिहरी झील के ऊपर 850 मीटर की ऊंचाई पर बना है।
जिसमें से 440 मीटर सिंगल लेन मोटरेबल सस्पेंशन ब्रिज हैं, तथा शेष 260 मीटर आरसीसी डोबरा की ओर एवं 25 मीटर स्टील गार्डर चांटी की ओर है।
इस पुल की कुल चौड़ाई 7 मीटर है, जिसमें मोटर मार्ग की चौड़ाई साढ़े पांच मीटर है
पुल के दोनों तरफ 0.75 मीटर चौड़ा पुटपाथ भी है। यहां से आप झील के ऊपर सेल्फी लेने का रोमांचक अनुभव ले सकते हैं।
इस पुल को बनाते वक्त विशालकाय झील के ऊपर 850 मीटर की ऊंचाई पर मुख्य पुल को जोड़ने के लिए 24 रोप को आर-पार करवाना सबसे बड़ी चुनौती थी। लेकिन इंजीनियरों ने इस कड़ी मेहनत से पूरा कर दिखाया।
पुल निर्माण में 20-20 टन के रोप लगाए गए हैं। झील की तरफ 5-5 मीटर के फासले पर क्लैंप, सस्पेंडर लगाए गए हैं। पुल के बेस को मजबूती देने के लिए 58 मीटर ऊंचे चार टॉवर स्थापित किए गए हैं।
पुल को आकर्षक बनाने के लिए इस पर अत्याधुनिक फसाड लाइटिंग सिस्टम भी लगाया जा रहा है, जिस पर पांच करोड़ की लागत आएगी।
तीन लाख की आबादी को राहत
पुल के बनने से टिहरी-उत्तरकाशी के लोगों को काफी फायदा होगा। इस वक्त टिहरी से प्रतापनगर जाने के लिए पांच से छह घंटे लगते हैं। इस पुल के बन जाने के बाद टिहरी से प्रतापनगर का सफर डेढ़ घंटे में पूरा होगा। बात चाहे सुरक्षा की हो या फिर सुंदरता की। ये पुल हर पैमाने पर खरा उतरेगा। पुल पर बूम बैरियर भी लगाए गए हैं। पुल की भार क्षमता 16 टन है। इससे ज्यादा वजन के वाहन पुल पर नहीं जा सकेंगे।
पुल के दोनों तरफ सीसीटीवी कैमरे भी लगे हैं। डोबरा चांठी पुल का फायदा टिहरी ही नहीं उत्तरकाशी के लोगों को भी होगा। शुरुआत के वक्त डोबरा-चांठी पुल के लिए 89 करोड़ की लागत तय हुई थी, आज ये पुल 325 करोड़ रुपये के बजट को पार कर चुका है। टिहरी झील पर बना डोबरा-चांठी पुल प्रदेश में पर्यटन का आधार बनेगा।