2024-04-24

दो बेटों के साथ 4 घंटे में तैरकर पार की टिहरी झील, मुश्किल परिस्थितियों में बनाया रिकॉर्ड

Father son makes record cross tehri lake by swimming

रैबार डेस्क: मन में हौसला हो तो इंसान असंभव को भी सम्भव कर दिखाता है। ऐसा ही कुछ अद्भुत काम कर दिखाया है टिहरी के रहने वाले त्रिलोक सिंह ने। उन्होंने अपने 2 बेटों के साथ टिहरी झील को तैरकर पार करने का रिकॉर्ड (trilok singh creates history, crossed tehri lake by swimming with his 2 son) बनाया है। त्रिलोक सिंह और उनके बेटों ने झील के एक छोर से दूसरे छोर पर करीब 12 किलोमीटर की दूरी को चार घंटे में तैर कर पूरा कर लिया। इस दौरान उन्होंने लाइफ सेविंग जैकेट का भी इस्तेमाल नहीं किया।

42 वर्ग किलोमीटर तक फैली एशिया के सबसे बड़े टिहरी बांध की झील को देखने से ही डर लगता है। लेकिन प्रतापनगर के मोटणा गांव निवासी निवासी त्रिलोक सिंह रावत (49 वर्ष) ने अपने दो बेटों ऋषभ (18 वर्ष) और पारस वीर (15 वर्ष) के साथ जब टिहरी झील को पार करने के इरादे से उतरे तो उन्हें भी यकीन नहीं रहा होगा कि वो ये अनोखा कारनामा कर दिखाएंगे। तैराकी का शौक रखने वाले त्रिलोक अपने दो बेटों के साथ बिना लाइफ जैकेट के ही झील में उतर गए। उन्होंने कोटी कालोनी से भलड़ियाना तक 12 किलोमीटर का सफर झील की लहरों को चीरते हुए करीब 4 घंटे में तय कर लिया। टिहरी झील में ऐसा कारनामा अब तक कोई नहीं कर पाया है। त्रिलोक सिंह के बड़े बेटे ऋषभ ने कोटी कॉलोनी से भलड़ियाना तक की दूरी को महज साढ़े 3 घंटे में ही तय कर दिया। जबकि उनके छोटे बेटे ने झील को 3 घन्टे 45 मिनट में पार किया। त्रिलोक सिंह रावत ने साढ़े 12 किलोमीटर की दूरी तैर कर पर करने के लिए सवा चार घंटे का समय लिया।

त्रिलोक सिंह अपने दो पुत्रों के साथ जिस साहस के साथ कोटी कॉलोनी से भणियाणा तक तैरकर पहुंचे हैं, उसकी क्षेत्र में जमकर सराहना हो रही है। इस उपलब्धि पर त्रिलोक सिंह कहते हैं, मुझे पहले से ही तैराकी का शौक था और मेरा यह शौक आज सफल भी हुआ हूं मैं ओर मेरे दोनों बेटों ने आज कोटी कॉलोनी से भलड़ियाना तक बिना लाइफ जैकेट पहनकर तैरते हुए पहुंचा हूं, आज मेरा सपना पूरा हो गया है, हमें आज तक राज्य स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचने के लिए कोई प्लेटफार्म नहीं मिला जिससे हम गांव तक ही सिमट कर रह गए लेकिन मैं अपने बेटों का ट्रेनर बन कर इनको आगे पहुंचाने के लिए पूरी कोशिश करूंगा क्योंकि तैराकी में अभी तक किसी ने कोई रिकॉर्ड नहीं बनाया है और टिहरी झील में रिकॉर्ड बनाना अपने आप में अलग हटकर है क्योंकि टिहरी झील में हर समय लहरें चलती हैं और पानी का तापमान एक जैसा नही होता है फिर भी हमने आज जिला प्रशासन से अनुमति मांग कर कोटी कालोनी से भलड़ियाना तक शानदार तैराकी की है।

त्रिलोक सिंह अपने बच्चों को भी तैराकी के गुर सिखा रहे हैं। उन्होंने कहीं से तैराकी का कोई प्रशिक्षण नहीं लिया, वे केवल पिता को देखकर ही तैराकी सीख रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed